एग्जिट पोल में देश के युवा दिलों की धड़कन किस पार्टी के लिए धड़क रही है ?

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लोकसभा चुनावों में इस बार युवा शक्ति यानि देश के युवा मतदाताओं पर हर किसी की नजर है। अट्ठाईस साल से कम उम्र की भारत की 50 प्रतिशत आबादी को इस बार चुनावों में हर राजनीतिक दल ने लुभाने की पुरजोर कोशिश की है।

हालांकि, हर जंग की तरह इस चुनावी जंग में भी ताज किसी एक के सिर ही सजेगा लेकिन इंडिया टूडे की डेटा इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) के जारी आंकड़ों में सामने आया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस चुनावी मौसम में युवा दिलों की धड़कन बन उभर रही है।

हर उम्र के के लोगों में भाजपा को लेकर जोश

चुनावों के नतीजे आने से पहले अब कुछ दिन एग्जिट पोल की भरमार रहेगी। ऐसे में इंडिया टूडे द्वारा किए गए एक ताजा सर्वे में सात लाख लोगों को शामिल किया गया, जिनमें करीब 7० प्रतिशत पचास साल से कम उम्र के मतदाता थे। 20 प्रतिशत मतदाता 18 से 25 साल की उम्र के बीच के थे।

सर्वे में पाया गया कि 18 से 25 साल की उम्र के मतदाताओं के लिए भाजपा सबसे पसंदीदा पार्टी है। वहीं इस ग्रुप में शामिल कुल 44 प्रतिशत मतदाताओं ने भाजपा एवं एनडीए को पसंद किया। इसके अलावा 26 प्रतिशत ने कांग्रेस को और 30 प्रतिशत लोगों ने अन्य को पसंद किया। दिलचस्प बात यह सामने आई कि सिर्फ युवा ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को हर उम्र के मतदाताओं ने पसंद किया।

अट्ठारह से लेकर पचास साल की उम्र तक के लोगों में कुल 46 प्रतिशत मतदाताओं ने एऩडीए को प्राथमिकता दी, वहीं 26.5 प्रतिशत ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों को पसंद किया।

कांग्रेस समर्थित दल संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को पसंद करने वाले लोगों में बूढ़े मतदाता ज्यादा थे। 60 साल से ऊपर के करीब 30 फीसदी मतदाताओं ने यूपीए को प्राथमिकता दी। वहीं 61 से अधिक उम्र वाले 44 प्रतिशत मतदाता समूह ने भाजपा को पसंद किया।

युवा वोटर्स, पुराने नेता

डीआईयू ने पहले पाया कि युवा उम्मीदवारों के लोकसभा क्षेत्रों में दोनों राष्ट्रीय दलों, भाजपा और कांग्रेस को लोगों ने कम पसंद किया है। गौरतलब है कि भाजपा के पास केवल 8 फीसदी युवा उम्मीदवार थे, वहीं कांग्रेस ने 12 फीसदी युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा।

खैर, देश की असली नब्ज का पता तो 23 मई को चलेगा जब मतगणना के बाद नतीजे सबके सामने आएंगे, फिलहाल एग्जिट पोल में दिखने वाली संभावनाओं के बाद कयासों और मीटिंग का दौर तेज हो चुका है, जो स्वाभाविक है।

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