राम और दुर्गा: धार्मिक नारों के सहारे चल रही बंगाल की राजनीति!

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पश्चिम बंगाल में फिलहाल राजनीतिक माहौल अपने चरम पर है। सत्तारूढ़ बीजेपी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हर संभव निशाना बना रही है। ऐसे में एक मोबाइल वीडिया धल्लड़े से वायरल हो रहा है जिसका इस्तेमाल बीजेपी एक हफ्ते से काफी ज्यादा कर रही है।

शनिवार को पश्चिम मिदनापुर जिले में ममता बनर्जी की कार गुजर रही थी और “जय श्री राम” चिल्लाते हुए लोगों का एक ग्रुप वीडियो में दिखाई देता है। ममता बनर्जी की कार रुकती है और एक ममता बनर्जी नाराजगी के साथ बाहर निकलती हैं और कहती हैं तुम क्यों भाग रहे हो? यहाँ आओ। तुमको क्या लगता है कि तुम कौन हो? वे गाली दे रहे हैं।

इसके बाद भाजपा का सोशल मीडिया तुरंत एक्टिव हो गया। “जय श्री राम बोलना कोई गाली नहीं है” कैप्शन के साथ ये वीडिया बीजेपी द्वारा ट्वीटर पर लगाया गया।

सोमवार को एक रैली में भाजपा के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी को “जय श्री राम” का नारा लगाने पर उन्हें गिरफ्तार करने के लिए चैलेंज किया। उनकी पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। अगले दिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि राम प्रत्येक भारतीय के लिए पूज्य देवता हैं। अगर हम भारत में ‘जय श्री राम’ का जाप नहीं करेंगे तो क्या हम पाकिस्तान में जाकर इसका जाप करेंगे?

ममता बनर्जी की इस प्रतिक्रिया तो आनी ही थी। उन्होंने भाजपा पर राम को “चुनावी एजेंट” बनाने का आरोप लगाया। जबकि पार्टी ने “एक भी राम मंदिर नहीं बनाया”

ये सब नया नहीं है। बीजेपी ने आक्रामक तरीके से राम की छवि को बंगाल में राजनीतिक बढ़त बनाने के लिए इस्तेमाल किया। राम नवमी रैलियों का आयोजन किया। “जय श्री राम” एक नारा है जिसे अक्सर चुनाव प्रचार में भाजपा की रैलियों में सुना जा सकता है।

काफी हद तक, तृणमूल ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी भी है जो सीधे धार्मिक प्रतीकों पर चर्चा नहीं करना चाहती है। इसके बजाय ममता बनर्जी ने एक विशिष्ट बंगाली मोड़ के साथ अपनी धार्मिक राजनीति का सहारा लेना चाहा है। द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि बनर्जी की रैलियों में अक्सर महिलाओं के हिंदू बंगाली व्यवहार में बहुत तेज़ी आ रही है।

वे राज्य की सबसे प्रसिद्ध देवी को पुकारते नजर आते हैं। उन्होंने भाजपा से पूछा कि वे [भाजपा] मां दुर्गा के बारे में क्या जानते हैं? क्या उन्हें पता है कि उसके पास कितने हाथ हैं और कितने हथियार हैं?

बनर्जी ने भाजपा पर पश्चिम बंगाल सरकार की दुर्गा पूजा आयोजकों को अदालत में जाने के लिए अनुदान देने की योजना में बाधा डालने का भी आरोप लगाया।
यह धार्मिक माहौल इस लोकसभा चुनाव में मोदी-ममता की लड़ाई का हिस्सा है। मोदी ने तृणमूल को धमकी दी कि उनके 40 विधायक मोदी के संपर्क में हैं। वहीं बनर्जी ने दावा किया है कि राज्य में आपातकाल जैसी स्थिति थी जब केंद्र सरकार ने प्रशासन को अपने कब्जे में ले लिया।

यहां तक कि शुक्रवार को बंगाल में आए भीषण तूफान, चक्रवात फानी को भी नहीं बख्शा गया। मोदी ने बनर्जी पर अपने फोन कॉल नहीं उठाने का आरोप लगाया जबकि बनर्जी ने कहा कि वह मोदी को अब प्रधानमंत्री के रूप में नहीं पहचानती हैं।
इतनी हड़बड़ाहट से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह चुनाव भाजपा और तृणमूल दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। भाजपा ने दावा किया है कि वह राज्य में 42 में से 23 सीटें जीतेंगी।

विश्लेषकों का मानना है कि बंगाल वह राज्य है जो बीजेपी को हिन्दी राज्यों में दिख रहे नुकसान की भरपाई करने में मदद कर सकता है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा के साथ साथ बीजेपी की राज्य में इस बढ़त से आगामी 2021 विधानसभा चुनावों में भी नुकसान हो सकता है।

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