मसूद अजहर ग्लोबल आतंकवादी तो घोषित हो गया लेकिन अब आगे क्या?

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संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार 1 मई को पाकिस्तान में रहने वाले जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) प्रमुख मसूद अजहर को “ग्लोबल आतंकवादी” के रूप में घोषित कर दिया है जिसे भारत की एक कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।

इससे पहले चाइना ने इस प्रस्ताव पर एक टेक्निकल होल्ड ले रखा था जिसे हटा लिया गया और संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित कर दिया।

नई दिल्ली के इस मुद्दे पर पहली बार ग्लोबल लेवल पर प्रस्ताव रखा था वो भी आज के दस साल पहले। चीन ने अतीत में चार बार अजहर को ग्लोबल आतंकवादी के रूप में लिस्ट करने से रोक दिया था।

ग्लोबल आतंकवादी घोषित तो कर दिया लेकिन अब क्या होगा?

एक UNSC पदनाम अज़हर की संपति पर कब्जा करेगा, उसके ट्रेवल पर प्रतिबंध लगेगा और हथियारों पर भी लगाम लगेगी।  प्रतिबंध समिति के तहत एक संपत्ति फ्रीज की आवश्यकता है कि सभी राज्य बिना देरी किए, निधियों और अन्य वित्तीय संपत्तियों या नामित व्यक्तियों और संस्थाओं के आर्थिक संसाधनों को रोक दें।

ट्रेवल बैन निर्दिष्ट व्यक्तियों द्वारा अपने क्षेत्रों के माध्यम से, सभी राज्यों में प्रवेश करने या पारगमन को रोकने पर जोर देता है। हथियारों पर प्रतिबंध के तहत सभी राज्यों को अपने क्षेत्रों से हथियारों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आपूर्ति, स्थानीय लोगों या अपने क्षेत्र से बाहर के नागरिकों द्वारा सभी प्रकार की संबंधित सामग्री, स्पेयर पार्ट्स आदि की बिक्री को रोकना। इसके अलावा किसी भी तरह की ट्रेनिंग पर बैन लगा दिया जाता है।

पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को “तुरंत लागू करेगा” और कहा कि वह पुलवामा हमले से उसे जोड़ने के प्रयासों सहित सभी “राजनीतिक संदर्भों” के बाद उसकी लिस्टिंग के लिए तैयार हो गया।

कितना प्रभावी होगा लिस्टिंग?

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के एक प्रतिष्ठित फेलो मनोज जोशी ने मसूद अजहर की लिस्टिंग के मुद्दे पर निम्नलिखित बातें कहीं थी।

खुद की लिस्टिंग इस्लामाबाद या आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए बहुत कम है। आखिरकार हमें ध्यान रखना चाहिए कि हाफिज सईद 2009 से इस सूची में है और जैश एक संगठन के रूप में 2001 से सूची में है। आतंकवाद और आतंकवादियों को कागजी लिस्टिंग से नहीं, बल्कि काइनेटिक एक्शन्स के माध्यम से लड़ा जाता है।

लिस्टिंग की थोड़ी वेल्यू तो है लेकिन केवल अगर इसे अन्य कार्यों के साथ काम में लिया जाता है। जिसमें व्यापक कूटनीति, गुप्त कार्रवाई, हवाई हमले और आतंकवादी सुविधाओं पर जमीनी हमले शामिल हैं।

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