21 अप्रैल 2019 को जब दुनिया में ईस्टर की रौनक थी तो श्रीलंका में ये सुबह मातम लेकर आई थी। चर्च में प्रार्थनाओं का दौर शुरू हुआ कि एक के बाद एक हुए 6 बम धमाकों ने हर तरफ चीखें मच जाती है। सुबह करीब 9 बजे हुए इन धमाकों से पूरा देश कुछ ही देर में दहल उठता है।
कोलंबो में हुआ पहला धमाका
कोलंबो के कोच्चिकड़े सेंट चर्च में सुबह करीब पौने 9 बजे पहला धमाका हुआ जिसके बाद नेगोंबो के कटुवपिटिया इलाके में दूसरा तो फिर लगातार 6 धमाके कोलंबो के फाइव स्टार होटलों में हुए।
धमाके के बाद शुरूआती तौर पर पता चला कि मरने वालों की संख्या 50 है लेकिन मौत का आंकड़ा दिन ढ़लने तक 290 पार कर चुका था वहीं 500 से ज्यादा लोग घायल हैं।
श्रीलंका सरकार एक्शन में आई और कहा कि धमाकों के पीछे कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन नेशनल तौहीद जमात (NTJ) का हाथ हो सकता है।
नेशनल तौहीद जमात क्या है ?
श्रीलंका सरकार ने जांच के आधार पर कुछ संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है और नेशनल तौहीद जमात पर शक की सुई घुमाई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेशनल तौहीद जमात श्रीलंका में पनपने वाला एक कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है। कट्टरपंथी संदेश और वहाबी विचारधारा को फैलाने का काम करने वाले इस संगठन की पैठ श्रीलंका के पूर्वी इलाकों में ज्यादा है।
हालांकि संगठन का किसी बड़ी आतंकवादी गतिविधियों में अभी नाम सामने नहीं आया है लेकिन पहली बार साल 2013 में श्रीलंका के रक्षा मंत्री ने इस संगठन की मिलीभगत आइएस से होने के बारे में कहा। वहीं 2014 में बौद्ध धर्म को लेकर बयान औऱ बौद्ध मूर्तियों को तोड़ने के दौरान भी इसी संगठन के लोगों का नाम सामने आया था।