देश के क्रिकेट प्रेमियों के इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो चुकी है कि कौन खेलेगा या कौन नहीं, क्योंकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपने 15 क्रिकेटरों के कंधों के ऊपर भारत को क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने का जिम्मा सौंप दिया है। इस बार भारतीय टीम की कमान कप्तान विराट कोहली के हाथों में है।
विराट की कप्तानी में इस बार टीम इंडिया विश्व कप जीतकर इतिहास रचना चाहेगी। वैसे तो हालिया प्रदर्शन के अनुसार टीम इंडिया इस वक्त विश्व कप के दावेदारों में से एक है। इसी को ध्यान में रखते हुए आखिरकार चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने बीसीसीआई की सिलेक्शन कमिटी की मीटिंग के बाद 15 सदस्यीय टीम की घोषणा कर दी है।
भारतीय टीम का पहला मुकाबला 5 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलेगी।
यह भातरीय टीम के 15 खिलाड़ी, जिन पर भारत को खिताब जीताने का जिम्मा होगा —
रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली (कप्तान), केदार जाधव, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, केएल राहुल, विजय शंकर, दिनेश कार्तिक, रवींद्र जडेजा
India’s squad for the ICC #CWC19 announced: Virat Kohli (Capt), Rohit Sharma (vc), Shikhar Dhawan, KL Rahul, Vijay Shankar, MSD (wk), Kedar Jadhav, Dinesh Karthik, Yuzvendra Chahal, Kuldeep Yadav, Bhuvneshwar Kumar, Jasprit Bumrah, Hardik Pandya, Ravindra Jadeja, Mohd Shami
— BCCI (@BCCI) April 15, 2019
भारतीय टीम का अब तक खेले विश्व कप में प्रदर्शन
1975 का विश्व कप
क्रिकेट के पहले आयोजन को प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप के नाम से जाना जाता है। इसका आयोजन इंग्लैंड में किया गया। क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब पहली बार वेस्टइंडीज ने कप्तान क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में जीता।
विश्व कप 1975 में किसी टीम की ओर पहला इंग्लैण्ड ने भारत के खिलाफ लगाया था।
भारतीय टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और वह पहले दौर में ही बाहर हो गई। भारत इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ईस्ट अफ्रीका के साथ ग्रुप ए में था।
1979 विश्वकप
क्रिकेट का महाकुंभ के दूसरे संस्करण का आयोजन भी इंग्लैण्ड ने ही किया था और यह 9 से 23 जून 1979 के बीच खेला गया।
इस बार भी विजेता का खिताब वेस्टइंडीज़ ने जीता और उसने फाइनल में इंग्लैण्ड को पराजित किया।
भारतीय क्रिकेट टीम का इस बार भी प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वह तीनों ग्रुप मैच हारकर पहले दौर में ही बाहर हो गई।
1983 विश्वकप
क्रिकेट का महाकुंभ के तीसरे संस्करण का आयोजन भी इंग्लैण्ड में 9 जून से 25 जून 1983 के मध्य किया गया था। इस बार भारतीय टीम का पलड़ा भारी था हालांकि टूर्नामेंट शुरू होने से पहले सबसे फिसड्डी टीम कहा जा रहा था।
भारतीय टीम कपिल देव के नेतृत्व में विजेता बनी। इस बार भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज़ को लगातार तीसरी बार विजेता बनने से रोका और फाइनल में उसे हराकर न केवल खिताब जीता बल्कि क्लाइव लॉयड के लगातार तीन वर्ल्ड कप जीतने के सपने को तोड़ दिया।
1987 विश्वकप
क्रिकेट का महाकुंभ के चौथे संस्करण का आयोजन भी पहली बार इंग्लैण्ड से बाहर किया गया और इसका नाम थाइसे रिलायंस वर्ल्ड कप दिया गया। 8 अक्टूबर से 8 नवंबर, 1987 के मध्य खेले गये इस विश्व कप का आयोजन भारत और पाकिस्तान की संयुक्त मेजबानी में हुआ। इस टूर्नामेंट में एकदिवसीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव हुआ और ओवरों की संख्या 60 से घटाकर 50 कर दी गई।
भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई और उसका सामना इंग्लैंड से हुआ। भारत सेमीफाइनल में हार गया और यहीं उसका वर्ल्ड कप 1987 का सफर खत्म हुआ।
1992 विश्वकप 1992
वर्ल्ड कप 1992 का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में हुआ। भारतीय टीम ने यह वर्ल्ड कप मोहम्मद अजहारुद्दीन की कप्तानी में खेला। भारतीय टीम वर्ल्ड कप 1992 में आशानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई।
1996 विश्वकप
भारतीय उपमहाद्वीप ने अपनी मेजबानी में दूसरी बार विश्वकप का आयोजन किया। इस बार भारतीय टीम अंतिम चार में जगह बनाने में सफल भी रहा। भारत का क्वार्टरफाइनल में मुकाबला पाकिस्तान से हुआ था, जहां उसने जीत हासिल की और सेमीफाइनल में जगह बनाई थी, परंतु वह श्रीलंका से हार कर बाहर हो गयी।
1999 विश्वकप
वर्ष 1999 में क्रिकेट विश्व कप का 7वां संस्करण था जोकि इंग्लैण्ड की मेजबानी में हुआ था। सौरव ने इस मैच में महज 158 गेंदों में 183 रन ठोंक डाले थे तो इसी मैच में राहुल द्रविड ने 145 रनों की पारी खेली। भारत का क्वार्टरफाइनल में प्रदर्शन खास नहीं रहा और वह ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच हारकर विश्वकप से बाहर होना पड़ा।
2003 विश्वकप
विश्वकप पहली बार अफ्रीका की सरजमीं पर आयोजित किया गया। इस विश्वकप में भारतीय टीम का नेतृत्व आक्रमक तेवर वाले सौरव गांगुली ने किया था और भातरीय टीम ने इसमें फाइनल तक का सफर तय किया।
2007 विश्वकप
पहली बार कैरेबियाई सरजमीं पर आयोजित इस विश्वकप में भारतीय टीम ने निराशाजनक प्रदर्शन किया। भारत इस विश्वकप में कुछ ज्यादा नहीं कर पाया और बांग्लादेश के खिलाफ ग्रुप मैच में हारकर बाहर हो गया।
2011 विश्वकप
भारतीय उपमहाद्वीप में आयोजित हुए इस विश्वकप में भारतीय टीम पहली बार अपनी मेजबानी में विजेता बनी।