कौन है सैम पित्रोदा जिनके बोलने पर देश की सियासत में फिर पाकिस्तान ने एंट्री ली है!

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पाकिस्तान के बालाकोट में हुए हमले के बाद भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्यवाही होने के दिन से ही दो तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आती रही है। जहां वायुसेना के इस काम को हर तरफ सराहना मिली वहीं कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले पर सवालिया निशान भी लगाए।

लोकसभा चुनावों से ठीक पहले अब ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन और गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा चर्चा में है। सैम ने हाल में एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए कहा था कि कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे पाकिस्तान नहीं दी जानी चाहिए जिसके बाद बीजेपी ने सैम पर पाकिस्तान का हिमायती होने के आरोप लगाए हैं। आइए जानते हैं सैम पित्रोदा कौन है जिनको लेकर पाकिस्तान फिर एक बार चर्चा में है।

टेलीकॉम इंजीनियर हैं सैम

सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा, जी हां सैम का असली नाम यही है जिनका जन्म 4 मई 1942 को एक गुजराती परिवार के यहां ओडिशा में हुआ। पिता गुजराती मूल के थे इसलिए सैम की पढ़ाई गुजराती में शुरू हुई। स्कूली शिक्षा के बाद सैम ने फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टरी की। इसके बाद वो अमेरिका चले गए जहां से इलिनॉइस इंस्टीट्‍यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से भी डिग्री हासिल की।

सूचना क्रांति लाने वाला पहला आदमी

सैम के बारे में भारतीय मीडिया में चर्चा शुरू होने के बाद कुछ लोगों को पता चला कि सैम उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्हें भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है। आज से करीबन 20 साल पहले जब मोबाइल फोन लाने का विचार चल रहा था तब उस सोच के पीछे सैम का ही हाथ था।

1984 में सैम ने दूरसंचार के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने के उद्देश्य से सी-डॉट यानी ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलिमैटिक्स’ की नींव रखी। राजीव गांधी के सैम काफी खास माने जाते हैं। इसके अलावा मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में सैम जन सूचना और नवप्रवर्तन विभाग में सलाहकार भी रह चुके हैं।

राहुल के साथ कई मंचों पर साथ रहते हैं

कहा जाता है कि राहुल गांधी जिस टीम से राजनीतिक सलाह लेते हैं, सैम पित्रोदा उस टीम का एक अहम हिस्सा है। राहुल की छवि में पिछले कुछ सालों में आए बदलाव का श्रेय कांग्रेस के कई बड़े नेता पित्रोदा को देते हैं। राजीव गांधी की हत्या के बाद पित्रोदा को गहरा आघात लगा था जिसके बाद उन्होंने काफी समय के लिए भारत छोड़ दिया था।

सत्यनारायण से सैम कैसे हुए ?

सत्यनारायण से सैम बनने के पीछे भी एक काफी रोचक किस्सा है जिसके अनुसार सैम ने कॉलेज के बाद एक टेलीविज़न ट्यूनर बनाने वाली कंपनी में जॉब करना शुरू कर दिया। कंपनी  जब उन्हें सैलरी का चैक देती तो उसमें सैम लिखा हुआ आता, जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत की तो जवाब मिला कि आपका नाम बहुत लंबा है, इसलिए हम आपको सैम ही कहेंगे और इसके बाद सत्यनारायण से सैम पित्रोदा बन गए।

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