इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनीं हिना जायसवाल, बचपन का सपना पूरा हुआ

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हाल के वर्षों में भारतीय महिलाओं ने देश-दुनिया को यह दिखा दिया है कि वे पुरूषों से एक कदम भी पीछे नहीं है। बस जरूरत है तो उनपर विश्वास जताने और उन्हें सपोर्ट करने की। आज के दौर में भारतीय महिलाओं को अगर क्वालिटी एजुकेशन और हेल्दी एनवायरमेंट मिले तो वे पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। देश में बालिका शिक्षा को लेकर लोगों की समय के साथ ​बदलती मानसिकता से महिलाओं ने यह करके भी दिखाया है। महिलाएं आज के दौर में लगभग हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित कर चुकी हैं। हाल ही में एक भारतीय महिला ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है जो अन्य लड़कियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा। ऐसी उपलब्धि हासिल करने वह पहली भारतीय महिला बन गईं है। उनकी यह सफलता अन्य भारतीय लड़कियों को खुले सपने देखने और उन्हें पूरा करने में हौसला बढ़ाने का काम करेगा।

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वायु सेना ने हिना को पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट के तौर पर किया शामिल

चंडीगढ़ की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल भारतीय वायु सेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बन गई हैं। फ्लाइट इंजीनियर हिना ऑपरेशनल हेलिकॉप्टर यूनिट्स में शामिल की जाएंगी। हिना जायसवाल बेंगलुरू के उत्तरी उप नगर में स्थित येलाहांका एयर बेस की 112वीं हेलीकॉप्टर यूनिट की फ्लाइट लेफ्टिनेंट थीं। इस उपलबिध पर रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल ने येलाहांका वायु सेना स्टेशन में कोर्स पूरा करने के बाद पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने येलाहंका स्थित 112 हेलिकॉप्टर एयरफोर्स स्टेशन से फ्लाइट इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा किया था।

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2014 फ्लाइट इंजीनियर कोर्स के लिए चुनी गई थीं हिना

हिना जायसवाल 2014 में फ्लाइट इंजीनियर कोर्स के लिए चुनी गई थीं। उन्होंने आईएएफ की इंजीनियरिंग ब्रांच में 5 जनवरी, 2015 में यह कोर्स शुरू किया था। इससे पहले उन्होंने एयर मिसाइल स्क्वॉड्रन के लिए फ्रंटलाइन सरफेस में चीफ ऑफ फायरिंग टीम और बैट्री कमांडर के तौर पर काम किया था। छह महीने तक हिना ने कड़ा प्रशिक्षण लिया। हिना का फ्लाइट इंजीनियरिंग का कोर्स 15 फरवरी को पूरा हुआ है। मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली हिना ने पंजाब यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। इस उपलब्धि पर हिना ने कहा ‘छह महीनों के पाठ्यक्रम के दौरान हिना ने अपने पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रशिक्षण लेते हुए अपनी प्रतिबद्धता, समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया।’

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परिवार ने कहा, बचपन का सपना पूरा हो गया

हिना के माता-पिता डीके जायसवाल और अनिता जायसवाल ने बताया कि उसका सपना पूरा हो गया। उन्होंने बताया कि बचपन से ही हिना सैनिकों की यूनिफॉर्म पहनती थी। अब उसका सपना पूरा हो गया। अब फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर वह जरुरत पड़ने पर सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली ऊंचाइयों से अंडमान के सागर में वायु सेना की ऑपरेशनल हेलीकॉप्टर यूनिट्स पर अपनी सेवा देंगी।

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