भारतीय इतिहासकार सुब्रमण्यम को मिलेगा इजराइल का प्रतिष्ठित डेन डेविड पुरस्कार

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आज के दौर में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। चाहे तकनीक का क्षेत्र हो या साहित्य का या फिर राजनीतिक, सब में कहीं न कहीं भारतीय अपनी पहचान दर्ज करवा रहा है। हाल में जानेमाने भारतीय इतिहासकार को उनके क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए इजराइल द्वारा अपने प्रतिष्ठित पुरस्कार डेन डेविड के लिए चुना गया है।
प्रारंभिक आधुनिक युग के दौरान एशियाई, यूरोपीय और उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका के लोगों के बीच अंतर-सांस्कृतिक संपर्क पर काम के लिए उन्हें इस साल के डेव डेविड पुरस्कार के लिए चुना गया है। सामरिक विश्लेषक के. सुब्रमण्यम के बेटे और पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर के भाई संजय ने वृहत इतिहास में अपने काम के लिए ‘अतीतकालीन आयाम’ श्रेणी में यह अवॉर्ड जीता है।
हालांकि उनके साथ इस श्रेणी में एक और इतिहासकार को भी डेव डेविड पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। संजय सुब्रमण्यम अपने अवार्ड को शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर केनेथ पोमेरांज के साथ साझा करेंगे। इस इजरायली अवार्ड के साथ इतिहासकारों को 10 लाख अमेरिकी डॉलर भी दिए जाएंगे।

क्या है डेन डेविड पुरस्कार
यह पुरस्कार इजरायल स्थित संस्थान डेन डेविड फाउंडेशन द्वारा तेल अवीव में ‘डेन डेविड पुरस्कार’ की घोषण करता है।
डेन डेविड पुरस्कार उन नवाचारी एवं अंतःविषयी अनुसंधानों को पुरस्कृत करता है जो पारंपरिक सीमाओं एवं मानदंडों को तोड़ते हैं।
यह पुरस्कार प्रतिवर्ष समय आयामों भूत, वर्तमान और भविष्य के अंतर्गत प्रदान किये जाते हैं।
इस पुरस्कार से विश्वभर के उन लोगों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने विज्ञान, टेक्नोलॉजी और मानवतावाद के क्षेत्र में काफी अहम उपलब्धियों हासिल की हो।

ये भारतीय भी हो चुके हैं इस पुरस्कार से सम्मानित
प्रो. सी.एन.आर. राव 2005 में, जुबिन मेहता 2007 में, अभिताव घोष 2010 में तथा श्रीनिवास कुलकर्णी 2017 में आदि शामिल है।

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