कितना सफल होगा असम सरकार का दुल्हनों को 10 ग्राम सोना देने का वादा

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देश में लोकसभा चुनाव करीब है और इन्हें देखकर राजनीतिक पार्टियां वादों की बहार ला रही है। अब ऐसा लगता है कि सब राजनीतिक पार्टियों ने चुनावों के लिए लोकलुभावने वादों को दौर शुरू कर दिया है। ये ऐसे लग रहा है जैसे बाजार में त्यौहारों की सीजन हो और कम्पनियां ऑफर पे ऑफर दे रही है। कोई किसानों के ऋण माफ करने की घोषणा कर रहा है। कोई बेरोजगारी भत्ता बढ़ाने की, तो कोई रोजगार से लेकर अब दुल्हनों को सोना तक दिए जाने के वादे किए जा रहे हैं। पर क्या इन सब वादों का फायदा वाकई जरूरतमंदों को मिल रहा है इस पर कोई ध्यान नहीं देता है।

हाल ही में मध्यप्रदेश गठित नई सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के बाद बेरोजगारी भत्ते के रूप में 4000 रुपए देने का प्लान बना रही है, तो वहीं असम सरकार ने नव विवाहित दुल्हनों को एक तोला सोना देने का प्रस्ताव दे डाला है। सरकार ने प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभिभावकों को उनकी बेटी की शादी पर एक तोला सोना देने का भी प्रस्ताव किया है।

असम राज्य के वित्त मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को 2019-20 बजट पेश किया जिसमें वित्त मंत्री ने 1,193 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश करते हुए किसी नए टैक्स का प्रस्ताव नहीं किया।
वित्त मंत्री ने प्रदेश के गरीबों परिवारों को एक रुपए किलो की दर पर चावल देने और दुल्हनों को एक तोला सोना देने का प्रस्ताव किया है। साथ ही बजट में छात्रों को वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव किया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को वित्तीय सहायता का प्रस्ताव किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य के 57 लाख परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केंद्र सरकार तीन रुपए किलो पर चावल उपलब्ध करा रही है। इसका लाभ राज्य की 2.46 करोड़ की आबादी को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा की स्थिति को और मजबूत करने के लिए हम गरीबों को 3 रुपये के बजाय एक रुपए किलो की दर पर चावल उपलब्ध कराएंगे। इसका लाभ प्रदेश के 53 लाख परिवारों को मिलेगा।
इन राजनीतिक पार्टियों के वाद सिर्फ सुनने में बेहद अच्छे लगते हैं, लेकिन चुनाव के बाद इन पर कितना अमल किया जाएगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। वैसे तो योजनाओं का फायदा वे ही लोग ले पाते हैं जो इन पार्टियों के बेहद करीब हो।

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