डेथ एनिवर्सरी: 21 की उम्र से मरते दम तक बीमारी के बीच जूझते रहे स्टीफन हॉकिंग

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Stephen-Hawking

आप जितने दिन इस दुनिया में रहते हैं उतने समय में कुछ ऐसे काम कर जाते हैं, जिसके लिए आपको आने वाली कई पीढ़ियां हमेशा के लिए याद रखती है कुछ ऐसे ही नामों में एक नाम स्टीफन हॉकिंग का भी था। दुनिया के सबसे महानतम वैज्ञानिकों में शुमार स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्‍सफोर्ड में हुआ था। हॉकिंग अपने आप में एक अद्भुत शख्सियत थे। उनका 14 मार्च, 2018 को यूके के कैम्ब्रिज में निधन हो गया था। ऐसे में महान वैज्ञानिक हॉकिंग की पुण्यतिथि के मौके पर जानते हैं उनके बारे में कुछ ख़ास बातें…

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खतरनाक बीमारी का शिकार थे हॉकिंग

स्‍टीफन हॉकिंग ने 7 साल की उम्र में सेंट एल्‍बेंस स्‍कूल में पढ़ाई शुरू कर दी थी। स्कूल के बाद ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया, जिसके बाद वर्ष 1962 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज में कॉस्‍मोलॉजी में रिसर्च की शुरूआत की। उस समय इस विषय पर रिसर्च करने वाले वो पहले इंसान थे।

हॉकिंग साल 1963 में मोटर न्‍यूरॉन नामक एक भयंकर बीमारी के शिकार हो गए थे, इस दौरान इनकी उम्र महज 21 साल की थी। उस समय उनकी जांच करने वाले डॉक्‍टरों का कहना था कि अब वो 2 साल से ज्यादा नहीं जी सकते हैं। लेकिन हॉकिंग के शरीर में यह बीमारी बहुत धीरे-धीरे फैल रही थी, जिसकी वजह से 76 साल जिए।

उनकी इस अनोखी बीमारी के कारण कुछ ही समय बाद वो लकवा के शिकार हो गए और पूरी तरह से व्‍हीलचेयर पर जिंदगी बिताने को मजबूर हो गए। इस बीमारी के बाद वो सिर्फ अपनी एक हाथ की कुछ अंगुलियों को हिला सकते थे, इसके अलावा हर जरुरी काम जैसे नहाना, कपड़े पहनना और खाना वो टेक्‍नोलॉजी की मदद से करते थे। वो बोलने तक के लिए भी स्‍पीच सिंथेसाइजर का इस्तेमाल करते थे।

हॉकिंग ने दुनिया को दिया नॉलेज का बड़ा भंडार

करीब दो साल पहले 14 मार्च, 2018 को 76 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया था। इस दुनिया को अलविदा कहने से पहले वो इतना कुछ दे गए, जिसके ऊपर आज भी वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। हॉकिंग ने ब्‍लैक होल, बिग-बैंग थ्योरी, ब्रह्मांड विज्ञान, क्वांटम मैक्‍नेक्सि और थर्मोडायनमिक्स के ऊपर कई बातें बताईं। उन्होंने अपने जीवन में भौतिक विज्ञान के क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया।

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