नई सरकार नए नियम : सरकारी दस्तावेजों से हटेगा उपाध्याय का फोटो, पेंशन राशि भी बढ़ी

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कांग्रेस सरकार ने अपना काम शुरू कर दिया है। हमेशा की तरह यह सरकार भी पुरानी सरकार के बनाए नियमों को उलट रही है और अपने नियम बना रही है। साथ ही कांग्रेस कोशिश कर रही है कि पिछली वसुंधरा सरकार की कमियों को भी नए सिरे से दूर करने के प्रयास किए जाएं। इस कड़ी में गहलोत सरकार की ओर से दो फैसले किए गए है।
एक तो सभी सरकारी दस्तावेजों से पं. दीनदयाल उपाध्याय का फोटो अब से दिखाई नहीं देगा। अब उनके फोटो की जगह राष्ट्रीय चिह्न दिखाई देगा। यह आदेश सभी सरकारी विभागों, कॉर्पोरेशन, बोर्ड्स और स्व-सरकारी एजेंसियों को भेज दिया गया है। यह आदेश 29 दिसंबर 2018 से लागू हो गया है। बता दें कि गहलोत सरकार ने 4 दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में ही यह फैसला किया था, जिसे बुधवार को लागू कर दिया गया।

गौरतलब है कि राजस्थान की पिछली सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी पर 11 दिसंबर 2017 को यह आदेश जारी किया था कि सभी सरकारी दस्तावेजों पर उपाध्याय का फोटो अनिवार्य रूप से लगाया जाए। लेकिन मुद्रण लेखन एवं सामग्री विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रवि शंकर श्रीवास्तव ने यह आदेश सभी विभागों व कलेक्टरों को भेजा है कि अब से ऐसा नहीं होगा।

अब मिलेगी बढ़ी हुई पेंशन

दूसरा, पेंशन का मुद्दा वसुंधरा सरकार के लिए काफी परेशानी का सबब बना था और इसके कारण सरकार को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा था। अब गहलोत सरकार ने लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम शुरू कर दिया है। इस दिशा में उन्होंने सबसे पहले पेंशन राशि को बढ़ा दिया है। प्रदेश में 75 वर्ष से कम उम्र वाले बुजुर्गों को अब 500 की जगह 750 रुपए पेंशन दी जाएगी। वहीं, 75 वर्ष या इससे अधिक उम्र वालों को 750 रुपए की जगह 1000 रुपए पेंशन प्रतिमाह मिलेगी। यह एक जनवरी से लागू हो गया है और इससे लगभग 45 लाख वृद्धजनों को फायदा मिलेगा।

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