भारत का निर्वाचन आयोग पिछले कुछ समय से मोदी सरकार के नीचे या उसके अधीन काम करने के लिए मीडिया में चर्चित हैं। लेकिन हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में किसी भी तरह का कोई विवाद सामने ना आना चुनाव आयोग के लिए आराम की बात हो सकती है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम और छत्तीसगढ़ हुए चुनाव में तेलंगाना की ईवीएम छेड़छाड़ घटना के अलावा काफी हद तक विवादों से दूर रहे।
कुल मिलाकर कहा जाए तो चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा इस बार बरकरार रही, बड़े पैमाने पर ईवीएम में किसी तरह की छेड़छाड़ भी सामने नहीं आई।
तेलंगाना
तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रजत कुमार, जिन्हें फरवरी में नियुक्त किया गया था, शायद इस बार के चुनावों में किसी गंभीर विवाद का सामना करने वाले वो अकेले ही अधिकारी है। कुमार को मतदाताओं की लिस्ट के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। इसके अलावा बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा समेत कई लोगों ने उनके नाम मतदाता सूची से गायब होने की शिकायत की थी।
शिकायतों के बाद, सीईओ ने स्पष्टीकरण जारी किया था कि नामों को हटाने का काम उचित प्रक्रिया के अनुसार किया गया था।
1991-बैच के आईएएस अधिकारी कुमार तेलंगाना के पहले सीईओ बने। उन्हें सीईओ के रूप में प्रभारी लेने से पहले वन विभाग में सचिव नियुक्त किया गया था।
मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश के मौजूदा सीईओ, जहां कांग्रेस विजयी हुई है, उनको विवादों के बाद नियुक्त किया गया था। वीएल कांता राव, जिन्हें जुलाई में नियुक्त किया गया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि राज्य में नकली मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
1992-बैच के आईएएस अधिकारी राव, राज्य सरकार में मुख्य सचिव थे, सीईओ के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले वे 2013 के विधानसभा चुनावों के दौरान सांसद के अतिरिक्त सीईओ रहे थे।
राव ने प्रभार संभालने के बाद यह सुनिश्चित किया कि मशीनों को गिनती से पहले मजबूत कमरे के अंदर तीन-स्तर की सुरक्षा के तहत रखा जाएगा।
राजस्थान
राजस्थान के सीईओ आनंद कुमार को उनके पहले रहे अश्विनी भगत द्वारा नियमों के गंभीर उल्लंघन के आरोपों में लाया गया था। इस बार के चुनावों में राजस्थान में ईवीएम के आसपास पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी।
हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले कुमार, 1994-बैच आईएएस अधिकारी हैं। सीईओ बनने से पहले, उन्होंने ढोलपुर, डुंगरपुर, बाड़मेर और उदयपुर जिलों में जिला कलेक्टर के रूप में भी काम किया है।
मिजोरम
राजस्थान की तरह ही राज्य चुनावों से पहले विवादों के बीच मिजोरम के सीईओ आशीष कुंद्रा को लाया गया था। कुंद्रा 1996 बैच के एजीएमयूटी कैडर आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में कमिश्नर, वित्त योजना और निवेश विभाग में भी काम किया है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के सीईओ सुब्रत साहू ने कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए शायद सबसे मुश्किल राज्यों में चुनाव को मॉनिटर किया है। नक्सलवाद से होने वाले खतरों के बीच राज्य में चुनाव हुए।
नवंबर में राज्य चुनाव से ठीक पहले एक नक्सली हमला हुआ था, जिसके बाद सीईओ ने मतदाताओं की सुरक्षा के लिए आश्वस्त किया और अतिरिक्त उपाय किए। चुनावों से पहले उन्होंने फेसबुक पर मतदाताओं के साथ लाइव बातचीत भी की। साहू 1992 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर आईएएस अधिकारी हैं।