थड़ी से लेकर घरों तक चर्चा ‘काल काईं होवैल्लो’

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राजस्थान में 11 दिसंबर का दिन जनादेश का दिन होगा। 11 दिसंबर के बाद प्रदेश में राजनीति का नया सूरज उगेगा लेकिन उससे पहले हर किसी की जुबान पर बस एक ही बात है ‘काल काईं होवेल्लो’ स्थानीय भाषा में इसका मतलब होता है कि कल क्या होगा। मतदान दिवस के दिन से लेकर अब तक घरों में, चाय की रेहड़ियों पर और यहां तक की दफ्तरों में भी बस इसी बात की चर्चा चल रही है कि नतीजा किसके पक्ष में आएगा। बता दें कि इस बार राजस्थान में बंपर वोटिंग हुई है जिसमें 74.38 प्रतिशत मतदान हुआ है जो पिछले चुनाव के मुकाबले कम रहा है।

 

इतिहास की मानें तो राजस्थान में जब भी चुनाव का प्रतिशत बढ़ा या घटा है तो उसका सीधा असर सत्तासीन पार्टियों पर ही हुआ है। साल 1993 से लेकर 2013 तक मतदान के आंकड़े साफ साफ इसी ओर इशारा करते हैं कि ज्यादा वोटिंग होने से विपक्षी पार्टी सरकार बनाने में कामयाब होती है। खैर राजनीतिक पार्टियों के मुखिया अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन इन सबसे अलग एग्जिट पोल भी कह रहे हैं कि राजस्थान में इस बार कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर होने की संभावना बनी हुई है। खैर अभी भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला तो ईवीएम मशीनों में बंद है। सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू हो जाएगी जिसके बाद 11 से 12 बजे के बीच में रूझान आना शुरू हो जाएंगे और तभी सारी स्थितियां साफ हो पाएगी।

इन सीटों के नतीजे होंगे रोचक

टोंक: टोंक सीट पर मुकाबला काफी रोचक होने वाला है क्योंकि यहां से कांग्रेस के दिग्गज सचिन पायलट और भाजपा के युनूस खान के बीच मुकाबला है। दोनों नेता ही यहां से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

झालारापाटन: ये राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ है जहां इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह से होने जा रहा है।

उदयपुर: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास का मुकाबला राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से है।

सांगानेर: इसे टोंक के बाद सबसे हॉट सीट माना जा रहा है जहां पर त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा। यहां भारत वाहिनी पार्टी से घनश्याम तिवाड़ी, कांग्रेस से पुष्पेंद्र भारद्वाज और भाजपा से अशोक लाहोटी मैदान में है।

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