मोहन लाल सुखाड़िया अपनी ही सरकार को चुनौती देकर बने थे राजस्थान के सबसे युवा सीएम

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राजस्थान की राजनीति ने एक ऐसा दौर भी था, जब यहां लगातार 17 साल तक कांग्रेस की सरकार सत्ता में रही और एक ही चेहरा मुख्यमंत्री के पद पर रहा। यह चेहरा था कांग्रेस नेता मोहन लाल सुखाड़िया। जब उन्होंने एक के बाद एक चुनाव जीतने की झड़ी लगा दी तो दिल्ली तक हर कोई उन्हें जानने लगा था। जी हां, सुखाड़िया राजस्थान के अब तक प्रसिद्ध हुए राजनेताओं में से एक हैं। सुखाड़िया को ‘आधुनिक राजस्थान का निर्माता’ भी कहा जाता है। दिलचस्प बात यह है कि मोहनलाल सुखाड़िया सबसे लम्बे समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। आज 31 जुलाई को राजनीति के पुरोधा मोहन लाल सुखाड़िया की 107वीं जयंती है। इस खास अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…

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नेताजी और सरदार पटेल के विचारों से हुए थे प्रभावित

मोहन लाल सुखाड़िया का जन्म 31 जुलाई, 1916 राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक जैन परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती  पढ़ाई उदयपुर से की और उसके बाद बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। मुंबई में रहने के दौरान सुखाड़िया भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल के विचारों से बहुत प्रभावित हुए थे। बॉम्बे से राजस्थान लौटकर युवा सुखाड़िया ने एक इलेक्ट्रिकल शॉप खोलीं, जहां वे अपने दोस्तों के साथ ब्रिटिश राज के बारे में खूब चर्चा किया करते थे।

जय नारायण व्यास की सरकार में वित्त मंत्री रहे

राजस्थान में वर्ष 1952 में जय नारायण व्यास की सरकार सत्ता में थी। व्यास सरकार के मंत्रिमंडल में मोहन लाल सुखाड़िया को वित्त मंत्री के पद पर काबिज किया गया। राम राज्य परिषद के 22 सदस्यों के कांग्रेस में चले जाने के कारण जय नारायण व्यास को विधानसभा में फिर से विश्वास मत हासिल करना पड़ा था। इसी दौरान उन्हीं की सरकार का एक युवा उनके सामने खड़ा हो गया, ये थे मोहन लाल सुखाड़िया।

वोटिंग के परिणाम आने पर हर कोई हैरान था, क्योंकि मोहन लाल सुखाड़िया ये विश्वास मत 8 वोट से जीत गए थे। इसके बाद वो राजस्थान के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने और 17 साल तक अपना राज कायम रखा। सुखाड़िया 8 जुलाई, 1971 तक लगातार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर काबिज रहे। उस समय सुखाड़िया को पूरे देश में दूसरे सबसे लंबे समय तक सत्ता पर बने रहने वाले मुख्यमंत्री बनने का गौरव मिला। साल 1982 में 2 फ़रवरी के दिन राजस्थान की राजनीति के पुरोधा मोहन लाल सुखाड़िया का बीकानेर में स्वर्गवास हो गया।

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