भारत और चीन की सेनाएं सवा दो साल बाद पूर्वी लद्दाख में पीपी-15 से पीछे हटी

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पूर्वी लद्दाख में करीब सवा दो साल बाद भारत और चीन के बीच तनाव वाले इलाके गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी-15 से भारत और चीन की सेनाएं अब पीछे हट गई हैं। जानकारी के मुताबिक, दोनों सेनाओं ओर से सैन्य वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और वर्तमान स्थिति की समीक्षा भी कर ली है। आपको बता दें कि एक दिन पहले यानी सोमवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने कहा था कि पीपी-15 से सैनिकों की वापसी की समीक्षा की जानी बाकी है।

दोनों देशों के बीच मई 2020 में बढ़ा था टकराव

मालूम हो कि पांच मई, 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था। यह झड़प उस वक्त हुई थी, जब चीनी सैनिक लद्दाख सेक्टर स्थित भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे। इसके बाद दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में धीरे-धीरे भारी हथियारों से लैस हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी थी। तब से भारत-चीन के सैनिकों को पैट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास एक-दूसरे के विपरीत तैनात किया गया है। अब भारत और चीन ने पैंगोंग त्सो झील के दोनों छोर से अपने सैनिकों को हटा भी चुके हैं।

पिछले सप्ताह ही शुरू हुई सेना वापसी की प्रक्रिया

भारत और चीन के सैनिकों की पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से पीछे हटने की प्रक्रिया हाल ही में आठ सितंबर से शुरू हुई थी। पिछले दिनों चीन की सेना ने घोषणा की थी कि उसने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पीपी-15 से पीछे हटना शुरू कर दिया है, जिसके एक दिन बाद नौ सितंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में एक अहम टिप्पणी की गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि समझौते के अनुसार, इस क्षेत्र में वापसी की प्रक्रिया 8 सितंबर को सुबह 8.30 बजे शुरू हुई और 12 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।

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