भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर सातवीं बार सांसद चुने गए डॉ. वीरेन्द्र कुमार सत्रहवीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर या अंतरिम अध्यक्ष होंगे। वह सभी नवनिर्वाचित सांसदों को अस्थायी अध्यक्ष के रूप में पद की शपथ दिलाएंगे और लोकसभा की पहली बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। इसी बैठक में अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। हालांकि, डॉ. कुमार को प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने से पहले ऐसा कहा जा रहा था कि बरेली से आठवीं बार सांसद चुनकर आए संतोष कुमार गंगवार को प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता है।
इनके अलावा सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद मेनका गांधी के स्पीकर बनने की काफी चर्चा रही थी। 17वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी संभालने वाले डॉ. वीरेन्द्र कुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में महिला और बाल विकास मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। वह पिछली सरकार में विभिन्न पैनल का हिस्सा भी रहे हैं। आइये हम आपको बताते हैं लोकसभा के नए प्रोटेम स्पीकर के बारे में बहुत कुछ जो आप भी जरूर जानना चाहेंगे..
दलित समुदाय से आते हैं नए प्रोटेम स्पीकर वीरेन्द्र कुमार
डॉ. वीरेन्द्र कुमार का जन्म 27 फरवरी, 1954 को मध्य प्रदेश राज्य के सागर शहर में हुआ है। डॉ. कुमार का बचपन गरीबी में गुजरा और वह परिवार के भरण-पोषण के लिए अपने पिता के साथ साइकिल की दुकान पर पंक्चर भी बनाया करते थे। इस दौरान लगातार उनकी पढ़ाई भी चलती रही। डॉ. कुमार ने अर्थशास्त्र में मास्टर्स डिग्री की और वह बाल श्रम संबंधी विषय पर पीएचडी धारक है। दलित समुदाय से आने वाले वीरेन्द्र कुमार बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा के मध्य प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
65 वर्षीय डॉ. वीरेन्द्र कुमार एक समय जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के दौरान 16 माह जेल में रहे थे। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में कई वर्षों तक सक्रिय कार्यकर्ता व पदाधिकारी रहे हैं। इसके अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद सहित बीजेपी में भी विभिन्न पदों पर रहे हैं।
सागर सीट का चार बार और अब टीकमगढ़ का करते हैं प्रतिनिधित्व
डॉ. वीरेन्द्र कुमार अब तक कुल सात बार सांसद बन चुके हैं। वे मध्य प्रदेश की सागर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे हैं। डॉ. कुमार 1996 में पहली बार सागर सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए। इसके बाद 2004 तक लगातार चार बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। लोकसभा क्षेत्रों का नया परिसीमन होने के बाद 2009 में टीकमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीता। इस बार वह यहां से लगातार तीसरी बार जीते हैं।
डॉ. वीरेन्द्र कुमार सांसदों को दिलाएंगे शपथ, कभी पिता के साथ करते थे साइकिल पंचर की दुकान!
गरीब परिवार से निकलकर अपनी मेहनत के दम पर आज प्रोटेम स्पीकर पद पर पहुंचे डॉ. कुमार की सादगी की अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह गले में गमछा लपेटे सागर की सड़कों पर स्कूटर चलाते साफ़ नजर आते हैं। डॉ. वीरेन्द्र कुमार अपने पुराने स्कूटर पर बगैर किसी तामझाम और सुरक्षा गार्ड के ही बड़ी आसानी से नज़र आ जाते हैं। उनकी यह सादग़ी लोगों को अपनापन का अहसास कराती है। हालांकि उनके पास एक्सयूवी गाड़ियां भी हैं, जिससे वह अक्सर अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा कर लोगों की समस्याएं जानते हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. कुमार को इस बार के लोकसभा चुनाव में 6 लाख 72 हजार से अधिक वोट मिले।