झारखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां महिलाओं के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने पर मात्र एक रुपए की राशि ली जाती है। इसके दायरे में 50 लाख रुपए तक की जमीन/ मकान की रजिस्ट्री शामिल है। झारखण्ड सरकार द्वारा दो साल पहले यह सुविधा शुरू की गई थी। राज्य में अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा महिलाएं इस योजना का लाभ उठा चुकी है।
हालांकि देश के अन्य राज्यों में भी महिलाओं के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर कुछ फीसदी की छूट अवश्य दी जाती है। जहां दिल्ली में रजिस्ट्री पर महिलाओं को चार प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है तो उत्तर प्रदेश में स्टांप शुल्क में सिर्फ एक प्रतिशत ही छूट मिलती है। परंतु कहीं पर भी एक रुपए में ही जमीन या मकान की रजिस्ट्री करवाने जैसी सुविधा नहीं है। ऐसे में सरकार द्वारा दी जा रही इस छूट से राज्य के सभी परिवारों की महिलाओं के नाम रजिस्ट्री कर स्टांप शुल्क में भारी बचत हो रही है।
अब तक बन चुकी हैं डेढ़ लाख महिलाएं मालकिन
झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर इस योजना को लेकर एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि, ‘झारखंड देश का पहला राज्य है जहां महिलाओं के लिए 50 लाख रुपये तक की जमीन/ मकान की रजिस्ट्री सिर्फ एक रुपये में होती है। अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा महिलाएं बन चुकी हैं मकान मालकिन।’
बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की अपील की थी, जिसमें महिलाओं के नाम पर मकान या जमीन की रजिस्ट्री की अपील प्रमुख थी। जिसके बाद झारखण्ड कैबिनेट ने वर्ष 2017 में सिर्फ एक रुपए में महिलाओं के नाम रजिस्ट्री करवाने की सुविधा देने का निर्णय किया। सरकार के इस निर्णय में छूट प्राप्तकर्ता महिला को शपथ पत्र दायर करना होता है कि वह इस तरह की छूट का पहली बार लाभ ले रही है।
नियम के मुताबिक एक रुपए में रजिस्ट्री का लाभ कोई महिला एक बार ही ले सकती है। पुरुष के साथ रजिस्ट्री कराने पर कोई छूट नहीं मिलेगी। वहीं यदि दो महिलाओं के नाम संयुक्त रूप से संपत्ति की रजिस्ट्री कराते हैं तो उन महिलाओं को इस सुविधा का फायदा मिलेगा। हालांकि 50 लाख से ज्यादा संपत्ति की कीमत होने पर महिलाओं को अतिरिक्त राशि पर स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होगा।