घाटी के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले के जहां राजधानी में राजनीतिक बैठकों का दौर चल रहा है। वहीं सरकार ने आतंकवादियों को जवाब देने और जवाबी कार्यवाही के बारे में सोचने के लिए सेना के कुछ टॉप जनरलों को जिम्मेदारी सौंपी है। उनको अपने नेतृत्व में ना केवल अहम फैसले लेने होंगे साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आने वाले समय में देश के सैनिकों का मनोबल ऊंचा बना रहे।
सेना प्रमुख बिपिन रावत को इन मामलों में सबसे अहम जिम्मेदारी दी गई है, यहां हम इनके अलावा कुछ अन्य शीर्ष अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं जो हमेशा देखे या जाने नहीं जाते हैं, लेकिन वो यह सुनिश्चित करेंगे कि जमीनी तौर पर लिए गए फैसले लागू हों।
सर्जिकल स्ट्राइक के समय उत्तरी सेना के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह को उधमपुर जैसे संवेदनशील इलाके की कमान सौंपी गई है। वह किसी भी तरह की योजना को बनाने और रणनीति बनाने में अहम चेहरा होंगे।
सर्जिकल स्ट्राइक के समय मिलिट्री ऑपरेशन के प्रमुख के रूप में वे हर तरह की स्थिति को समझते हैं और जानते हैं कि बड़े पैमाने पर योजना कैसे बनाई जाती है। उत्तरी कमान के प्रमुख के रूप में, वह घाटी में आतंकवाद-रोधी अभियानों में आने वाले समय में प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों जो श्रीनगर स्थित 15 कोर्प्स के प्रमुख हैं उनको कश्मीर में कई अहम आतंकवादी घटनाओं वाले इलाके दिए गए हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह ही कार्यभार संभाला है और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को करारा जवाब देने के लिए आने वाले समय में उनका रोल अहम माना जा रहा है।
डीजी मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने एक साल पहले कार्यभार संभाला था और वे आतंकवादी घटनाओं की डिजाइन के बारे में अच्छी तरह से परिचित हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह, डीजी मिलिट्री इंटेलिजेंस, सभी संभावित स्रोतों से खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे, उनका विश्लेषण करेंगे और फिर आतंकवादी घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई योग्य इनपुट देंगे।
सरकार का कहना है कि ना केवल सेना द्वारा बल्कि खुफिया एजेंसियों जैसे आरएंडडब्ल्यू और स्थानीय पुलिस जैसी अन्य एजेंसियों के साथ भी तालमेल स्थापित किया जाएगा।