अनुच्छेद 370 हटने के बाद बाहर से जम्मू-कश्मीर में इतने लोगों ने खरीदी संपत्ति

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अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अभी तक सिर्फ गिनती के लोग ही संपत्ति खरीद सके हैं। केंद्र सरकार ने सदन में इस बारे में पूछे गए एक लिखित सवाल के जवाब में उत्तर दिया है। केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में जानकारी दी कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के बाहर से कम से कम 34 लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश में संपत्ति खरीदी है। बता दें, जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था। मोदी सरकार ने एक फैसला लेते हुए 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।

संपत्ति खरीदने वालों ने चार जिलों में की खरीदारी

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद के निचले सदन लोकसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बाहर के 34 लोगों ने यहां संपत्ति खरीदी है।’ गृह राज्य मंत्री राय ने आगे बताया कि ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदरबल जिलों में स्थित हैं।

370 के हटने के बाद राज्य में आसान हुआ संपत्ति खरीदना

गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 के राज्य में लागू रहने तक जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती थी। राज्य का अपना अलग झंडा भी था। तब रक्षा, विदेश, संचार से जुड़े मामलों को छोड़कर अन्य मामलों में जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सहमति लेनी पड़ती थी। अनुच्छेद-370 के प्रावधान हटने से ये चीजें खत्म हो गईं। इसके हटने के बाद यहां वो सभी कानून लागू होते हैं जो अन्य राज्यों पर पहले से लागू हैं।

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले इस अनुच्छेद के हटने के बाद कोई भी भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकता है। साथ ही यहां राज्य सेवा में सरकारी नौकरी भी कर सकते हैं। जम्मू-कश्मीर पिछले ढाई साल से अधिक समय से दिल्ली और पुड्डुचेरी की तर्ज पर विधानसभा युक्त केंद्र शासित प्रदेश है। जबकि इसका दूसरा हिस्सा लद्दाख, चंडीगढ़ की तरह बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर को विधानसभा चुनाव से पहले पूर्ण राज्य का दर्ज़ा मिल सकता है।

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