तेनाली परीक्षा सभी के लिए जिज्ञासा का विषय बनी हुई है। महज 16 साल की उम्र में प्रियव्रत नाम के बच्चे ने इस महापरिक्षा को पास किया है। दरअसल प्रधानमंत्री पीएम मोदी जी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के जरिए 16 साल के प्रियव्रत को ‘महापरीक्षा’ पास करने पर बधाई दी है। अपने ट्वीट में मोदी ने लिखा, “‘एक्सिलेंट! प्रियव्रत, इस असाधारण काम के लिए बधाई। आपकी उपलब्धि कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करेंगी!”
Excellent!
Congratulations to Priyavrata for this feat. His achievement will serve as a source of inspiration for many! https://t.co/jIGFw7jwWI
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2019
मोदी ने यह ट्वीट एक ट्वीट के रिप्लाई में किया है। जिसमें पी.एम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा था, कल श्रीमती अपर्णा और श्री देवदत्ता पाटिल के 16 साल के बेटे प्रियव्रत ने इतिहास रचा। अपने पिता से वेद और नयन का अध्ययन करने के बाद उसने श्री मोहन शर्मा से सभी व्याकरण महाग्रंथों का अध्ययन किया और तेनाली परीक्षा के 14 स्तर पास किए। उसने सबसे कम उम्र में यह महापरीक्षा पास की है।
क्या होती है तेनाली परीक्षा
इस महापरीक्षा को तेनाली परीक्षा भी कहते हैं। जिसे शास्त्रों का अध्ययन करने वाले छात्र ही देते हैं। यह महापरीक्षा ओपन यूनिवर्सिटी की तरह होती है। जिसमें देशभर से छात्र प्राचीन सनातनी संस्कृति का ज्ञान लेने आते हैं। इसमें शिष्य गृह गुरुकुलम पध्दति से ज्ञानार्जन करते हैं। यानि छात्र अपने गुरुओं के साथ रहते हैं। ये परीक्षा वहीं देते हैं जिन्होंने शास्त्रों और वेदों का अध्ययन किया हो। तमिलनाडु की कांची मठ द्वारा ली जाने वाली तेनाली परीक्षा जिसे महापरीक्षा भी कहा जाता है, पिछले 40 सालों से इस परीक्षा को आयोजित करती आ रही है। साल 2015 से इसे इंडिक एकेडमी सपोर्ट कर रही है। इसमें देशभर से करीब 40 बच्चे विभिन्न शास्त्रों और वेदों का ज्ञान अर्जित करते हैं।
यह परीक्षा साल में दो बार आयोजित होती है। जिसमें लिखित और मौखिक परिक्षा में शामिल होने कांची मठ आते हैं। करीब 5 से 6 साल के अध्ययन के बाद महापरीक्षा कांची मठ में आयोजित होती हैं। महापरीक्षा पास होने के बाद ही छात्रों को मान्यता दी जाती है।