मां से परेशान होकर 15 साल के बच्चे ने मांगी इच्छामृत्यु

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कहते हैं पूत कपूत हो सकता है मगर माता कभी कुमाता नहीं हो सकती। मगर ये बात कलयुग में 100 प्रतिशत सही नहीं है। ये खबर इस बात का जीता—जागता सबूत है। भागलपुर जिले के कहलगांव के रहने वाले 15 साल के एक बच्चे ने खासतौर से अपनी मां के अत्याचार से दुखी होकर खुद के लिए इच्छा मृत्यु मांग ली है।

इच्छा मृत्यु के लिए राष्ट्रपति को लिखा पत्र

उसने करीब दो महीने पहले राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु का अनुरोध किया था। राष्ट्रपति के अलावा उसने बिहार के मुख्यमंत्री समेत आला अधिकारियों को पत्र भेजा था। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर जिला प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी जिला प्रशासन से 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है।

‘मां मुझे और पिता को मारती है’

15 साल के कृष ने बताया किया कि मुझे मां सुजाता कुमारी और मामा प्रताड़ित करते हैं। 8 मई 2017 को मां और मामा ने पिता और मेरे साथ मारपीट की थी। चाकू से पिता मनोज कुमार मित्रा के हाथ और छाती पर वार किए थे। इस बच्चे ने बताया कि उसकी मां उसके स्कूल जाकर भी बेटे के खिलाफ गलत बातें कहती है। मां की वजह से कृष के दोस्त भी उसका मजाक उड़ाते हैं। मां की इन हरकतों की वजह से उसकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।

माता—पिता ने एक—दूसरे पर केस कर रखा है

कृष के पिता मनोज ग्रामीण विकास विभाग, देवघर (झारखंड) में जिला प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। मां सुजाता इंडियन ओवरसीज बैंक पटना में सहायक प्रबंधक के पद पर हैं। कृष अपने पिता के साथ रहता है और 9वीं कक्षा का छात्र है। माता—पिता साथ नहीं रहते और दोनों ने एक—दूसरे पर केस किया हुआ है। कृष के पिता कैंसर से पीड़ित हैं।

मां प्रॉपर्टी के लिए मुझे मरवा सकती है—कृष

कृष का कहना है कि पारिवारिक कलह से उसकी जिदंगी खराब हो गई है। पिता की संपत्ति के लिए उसकी मां और उसके घरवालों को जान से मरवा सकती है। उसने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में कहा है कि मैं इस जिंदगी से तंग आ गया हूं। कैंसर से पीड़ित पिता को मरते नहीं देख सकता हूं। इससे पहले मैं मरना चाहता हूं।

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