मानव जीवन का इतिहास चाहे कितना भी पुराना क्यों ना हो आने वाली पीढ़ियां उसे कई वजहों से याद रखेगी। याद रखने के कारणों में प्रदूषण को भी शुमार किया जाएगा। इस बात पर गर्व महसूस करने के बजाय हमको इस विकराल होती समस्या की अहमियत समझनी होगी। आज फिर से प्रदूषण का जिक्र इसलिए क्योंकि पर्यावरण संबंधी स्टडी करने वाली एक संस्था डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यावरण में प्लास्टिक प्रदूषण इस हद तक फैल गया है कि हम एक हफ्ते में करीब 5 ग्राम तक प्लास्टिक खा रहे हैं, जो कि एक क्रेडिट कार्ड खाने के बराबर है।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल द्वारा की गई एक स्टडी से भी पता चलता है कि लोगों के प्लास्टिक सेवन करने का एक सबसे बड़ा स्रोत पीने का पानी है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सन् 2000 के बाद से, दुनिया ने पिछले कुछ सालों में प्लास्टिक का जितना उत्पादन किया है, उसका एक तिहाई हिस्सा हमारे वातावरण में लीक हो गया है।
इस हिसाब से औसतन एक व्यक्ति पीने के पानी के साथ हर हफ्ते प्लास्टिक के 1,769 कणों का सेवन कर रहा है। वहीं प्लास्टिक प्रदूषण की बात करें तो इसका लेवल जगह के अनुसार अलग-अलग होता है, लेकिन ऐसी कोई जगह नहीं जो प्लास्टिक प्रदूषण से अछूती रही हो।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, नल के पानी के नमूनों में 94.4% प्लास्टिक फाइबर पाए जाते हैं, जिसमें औसतन 9.6 फाइबर प्रति लीटर होता है। हालांकि यूरोपीय पानी कम प्रदूषित पाया गया जिसमें फाइबर केवल 72.2% पानी के नमूनों में दिखाई देता था जो कि केवल 3.8 फाइबर प्रति लीटर था।
वहीं अगर हम भारत की बात करें तो प्लास्टिक प्रदूषण से कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के बाद हालांकि कई राज्य सरकारों ने 50 माइक्रोन से पतली पॉलिथीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। बैन के बावजूद खुलेआम पॉलिथीन बाजार में आज भी दिखाई पड़ती है।
इसके अलावा बाजार में लोग प्लास्टिक आइटम की खरीद पर ज्यादा जोर रखते हैं जैसे प्लास्टिक की बॉटल में पानी पीना हर कोई पसंद करता है क्योंकि यह सस्ता और टिकाऊ होता है।
इस समस्या पर कनाडा से बहुत कुछ सीखा जा सकता है
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल में एक घोषणा की जिसके अनुसार 2021 तक एक बार काम में लिए जाने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट्स पर पूरी तरह उनकी सरकार बैन लगाएगी और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा, आप जब अपने बच्चों को कहानियां सुनाएंगे एक पिता के रूप में उनको यह समझाना बहुत मुश्किल होगा कि दुनिया भर के समुद्र तटों पर व्हेलों की लाशें बिछने का क्या कारण है ? आप उन्हें कैसे बताएंगे कि उनके पेट प्लास्टिक भरा होता हैं?
कनाडा सरकार के अनुसार, हर साल दुनिया भर में 1 मिलियन पक्षी और 100,000 से अधिक समुद्री जीव प्लास्टिक प्रदूषण से मर रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर देखें तो प्लास्टिक कचरे का करीबन एक ट्रक हर मिनट समुद्र में गिरता है। कनाडा सरकार का आगे कहना है कि उनका टारगेट बैन के साथ-साथ 2029 तक 90% प्लास्टिक बॉटलों को रीसायकल करना भी है। वहीं प्लास्टिक रीसायकल करने के इस मिशन में कनाडा में 42 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर भी पैदा किए जाएंगे।
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