World Cup: Virat Kohli's decision could break this 32-year-old record.
कप्तान विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया अपने शानदार प्रदर्शन के बूते पहले ही विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। भारत आज शनिवार को अपना अंतिम लीग मैच श्रीलंका के खिलाफ खेलेगा। कप्तान कोहली के पास मौका है कि सेमीफाइनल मैच से पहले अब तक विश्व कप में बेंच पर बैठे कुछ खिलाड़ियों को अंतिम एकादश में शामिल कर टेस्ट कर सकें। इस मैच में रविन्द्र जडेजा को मौका मिल सकता है। इसके अलावा बल्लेबाज मयंक अग्रवाल को अंतिम ग्यारह में मैदान पर उतारा जा सकता है। अगर भारत और श्रीलंका के बीच होने वाले इस मैच में ऐसा होता है तो उनके पास 32 साल पुराने नवजोत सिंह सिद्धू के रिकॉर्ड को तोड़ने का शानदार मौका होगा।
अंबाती रायडू को दरकिनार कर विश्व कप टीम में शामिल किए गए ऑलराउंडर विजय शंकर के चोटिल होने पर उनकी जगह मयंक अग्रवाल को टीम इंडिया में शामिल किया गया। कहा जा रहा है कि कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के दबाव के कारण चोटिल विजय की जगह मयंक को उनके रिप्लेस के रुप में भेजा गया है। लगातार दूसरी बार अपनी इस अनदेखी से नाराज होकर 33 वर्षीय भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायडू ने अचानक संन्यास लेने का फैसला ले लिया। गौर करने वाली बात यह है कि मयंक अग्रवाल के पास एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने अभी तक अपने वनडे कॅरियर की शुरुआत नहीं की है। लेकिन कोहली श्रीलंका के खिलाफ आज होने वाले मैच में मयंक को कार्तिक की जगह मौका दे सकते हैं।
श्रीलंका के खिलाफ होने वाले इस मुकाबले में कप्तान विराट कोहली अगर मयंक अग्रवाल को अंतिम एकादश में शामिल करते हैं तो वह विश्व कप में वनडे कॅरियर की शुरुआत करने वाले भारत के 7वें खिलाड़ी होंगे। ऐसा होता है तो 27 साल बाद कोई भारतीय खिलाड़ी विश्व कप से अपना वनडे डेब्यू करेगा। अब तक के छह खिलाड़ियों में नवजोत सिंह सिद्धू को छोड़कर बाकी खिलाड़ियों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। सिद्धू ने 1987 के विश्व कप में डेब्यू करते हुए अपने पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 79 गेंदों में 73 रनों की शानदार पारी खेली थी। जिसमें 4 चैके के अलावा 5 बेहतरीन छक्के भी जड़े थे।
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नवजोत सिंह सिद्धू के इस शानदार प्रदर्शन की बावजूद टीम इंडिया यह मैच 1 विकेट से हार गई थी। लेकिन सिद्धू का विश्व कप में अपने कॅरियर के पहले मैच में किसी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। सिद्धू के बाद अजय जडेजा एकमात्र ऐसे भारतीय हैं जिन्हें 1991 के विश्व कप में वनडे कॅरियर के आगाज करने का मौका मिला। हालांकि, यह मैच बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका था और जडेजा बिना कोई गेंद खेले रह गए थे। उल्लेखनीय है कि 1975 के पहले विश्व कप में टीम इंडिया की ओर से तीन खिलाड़ियों को पर्दापण करने का मौका मिला था। इस विश्व कप में अंशुमान गायकवाड़, करसन घावरी और मोहिन्दर अमरनाथ ने वनडे कॅरियर की शुरुआत की थी।
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