हलचल

JEE Main टॉपर ध्रुव नहीं जाएगा IIT, क्यों आईआईटी में एडमिशन से दूर भाग रहे हैं स्टूडेंट्स ?

इंदौर के ध्रुव अरोड़ा ने पहली बार में ही जॉइंट एंट्रेस टेस्ट यानि जेईई मेन (जो कि आईआईटी में एडमिशन के लिए देश के लाखों स्टूडेंट्स देते हैं) में पूरे 100 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं, लेकिन रिजल्ट आने के बाद ध्रुव ने जो बात कही वो कहीं ना कहीं गौर करने लायक है क्योंकि अन्य जेईई देने वाले स्टूडेंट्स की तरह वो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में एडमिशन लेने के लिए बेताब नहीं है।

17 साल के ध्रुव देशभर के उन 15 छात्रों में शामिल हैं, जिन्होंने इस प्रतियोगी परीक्षा में अच्छा स्कोर हासिल किया है। गौरतलब है कि 9.5 लाख से अधिक छात्रों ने इस बार जेईई मेन के लिए रजिस्ट्रेशन किया था।

ध्रुव का कहना है कि उन्हें फिजिक्स पसंद है और वे इसके लिए IIT से ज्यादा IISc में जाना पसंद करेंगें। मैं आगे चलकर मेरे पसंदीदा विषय में कुछ करना चाहता हूं और इसके लिए भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंगलोर जाने के बारे में सोच रहा हूं।

ध्रुव की पसंद-नापसंद को देखते हुए चलिए इस बात को हम एक बार के लिए इतना तूल नहीं देते लेकिन एक अलग तरह की बहस जो काफी समय से चल रही है कि क्यों जेईई मेन जैसी परीक्षाओं को देने के बाद भी स्टूडेंट्स आईआईटी जाने के बजाय कहीं और का चुनाव करते हैं। क्यों आईआईटी का खुमार छात्रों से उतरने लगा है? कुछ कारण नीचे बता रहे हैं जिनसे आपको समझने में आसानी होगी।

अपने कॅरियर को लेकर आईआईटी का क्रेज छात्रों में देखा जाना आम बात है। आईआईटी से डिग्री लेने वालों को आसानी से जॉब मिल जाती है ये धारणा कहीं ना कहीं संस्थान की ब्रेंडिंग करने में काफी कारगर साबित होती है। यह पूरी तरह से ठीक भी नहीं है कि एक ही नाम होने से आईआईटी के सभी कैंपस में एजुकेशन की क्वालिटी एक जैसी होगी।

उदाहरण के लिए, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के 10 अलग-अलग कैंपस है लेकिन उन सभी की शिक्षा की गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग रैकिंग हैं। हमारे मामले में भी, आप सभी आईआईटी के लिए समान प्रतिष्ठा की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

क्यों नहीं जाते कुछ छात्र आईआईटी ?

फिर भी कुछ योग्य छात्रों ने हर साल IIT में जाने को नकारा है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। छात्रों को यह अच्छी तरह से पता है कि हर स्ट्रीम में ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरियों की पेशकश सभी में अलग तरह से होती है। इसलिए, इनमें से कुछ घर के करीब ही एनआईटी में जाना पसंद करते हैं।

वहीं किसी भी आईआईटी में ग्रेजुएशन कोर्स करने के लिए हर महीने करीब 20,000 रुपये का खर्च हो सकता है ऐसे में एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए ये कोई मामूली कीमत नहीं है। इसी वजह से आईआईटी के बजाय एक स्थानीय एनआईटी में पढ़ना हॉस्टल और कई तरह के खर्चों को बचाने का एक विकल्प होता है।

कुछ को पता चल जाता है कि इंजीनियरिंग अपने लिए नहीं है !

आईआईटी में एडमिशन लेने वाले छात्रों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पहले दिन से यह मानकर चलता है कि वे अपने कॅरियर को इंजीनियरिंग के तौर पर आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं लेकिन माता-पिता और सामाजिक दबाव के चलते या फिर विकल्पों की कमी के कारण वो एडमिशन ले लेते हैं। यदि हॉस्टल सुविधाओं के साथ आर्ट और रिसर्च के क्षेत्र में अच्छी सुविधाएं हों तो आईआईटी के लिए आवेदन एक तिहाई तक गिर सकते हैं।

कुछ विदेश जाने वाले भी होते हैं

अंत में, कुछ ऐसे छात्र भी होते हैं जो अधिक पैसा खर्च करना पसंद करते हैं और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर या यूके में किसी संस्थान में एडमिशन लेने में सक्षम होते हैं। ऐसे में IIT जाना उन्हें काफी छोटा विकल्प लगता है।

इसके अलावा एकेडमिक लेवल पर कई रिपोर्ट्स का कहना है कि आईआईटी रिसर्च वर्क के पैमाने कहीं ना कहीं कमजोर पड़ जाती है। लेकिन पिछले दो दशकों में सभी IIT की शैक्षणिक गुणवत्ता में काफी सुधार भी देखा गया है।

sweta pachori

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago