लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश के साथ ही केरल की एक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं। देश में चुनावी माहौल के बीच राहुल गांधी के अमेठी और दूसरी सीट के तौर पर केरल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से सियासी बाज़ार गर्माया हुआ है। भारतीय जनता पार्टी यानी बीजेपी ने इस लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस से निपटाने के लिए अपने रास्ते खोज लिए हैं। बीजेपी ने अपनी रणनीति के तहत राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से स्मृति ईरानी और वायनाड से तुषार वेल्लापल्ली को मैदान में उतारा है। बीजेपी के इन दोनों उम्मीदवारों से निपटना राहुल और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
इधर, बीजेपी नेताओं का कहना है कि राहुल अमेठी से अपनी हार के डर से वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कुछ राजनीतिक विश्लेष्कों का कहना है कि राहुल दक्षिण भारत में कांग्रेस को मज़बूती देने जा रहे हैं। वायनाड से बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने तुषार वेल्लापल्ली को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल के सामने उतारकर सबको चौंका दिया है। ऐसे में आइये जानते हैं तुषार वेल्लापल्ली कौन हैं?
केरल के रहने वाले तुषार वेल्लापल्ली बीडीजेएस यानी भारत धर्म जन सेना पार्टी के प्रमुख हैं। भारत धर्म जन सेना केरल का प्रसिद्ध धार्मिक संगठन एसएनडीपी यानी श्रीनारायण धर्म परिपालन योगम का ही एक राजनीतिक संगठन है। तुषार वेल्लापल्ली ने बीडीजेएस दल की स्थापना 2016 में की थी। इसके बाद तुषार ने विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन विधानसभा चुनावों में उन्हें कोई विशेष सफलता प्राप्त नहीं हुई थी। गौरतलब है कि तुषार के पिता वेल्लापल्ली केसवन नटेसन धार्मिक संगठन श्रीनारायण धर्म परिपालन योगम के महासचिव हैं। यह समूह इज़हावा समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है। केरल में इज़हावा समुदाय की कुल आबादी 20 प्रतिशत के करीब है।
वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद केरल की वायनाड सीट अस्तित्व में आई थी। इसके बाद से ही वायनाड लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ माने जाने लगी है। इस लोकसभा क्षेत्र में हिंदू, मुस्लिम के साथ ही ईसाई समुदाय भी अच्छी संख्या में है। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार एमआई शनावास ने वायनाड से जीत दर्ज की थी। उन्होंने सीपीआई के उम्मीदवार एम रहमतुल्ला को 1, 53, 439 वोटों से शिकस्त दी थी। जबकि बीजेपी के उम्मीदवार रहे सी वासुदेवन मास्टर को कुल 31,687 वोट मिले थे।
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी एमआई शनावास ने यहां से दोबारा जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के खाते में दोबारा जीत लिखवा दी। लेकिन पिछले चुनाव में जीत का अंतर बहुत कम रहा। कांग्रेस के शनावास को इस बार 3,77,035 वोट मिले। वहीं, सीपीआई के सत्यन मोकेरी ने दूसरे नंबर पर रहते हुए 3,56,165 वोट हासिल किए। बीजेपी इस बार 2009 के प्रदर्शन को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर रही। बीजेपी ने 2014 के चुनाव में सी वासुदेवन मास्टर की जगह पी आर रासमिलनाथ को टिकट दिया। पी आर रासमिलनाथ ने पिछले चुनाव में 80,752 वोट हासिल कर यहां बीजेपी की लगातार हो रही प्रोग्रेस को साबित किया।
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उल्लेखनीय है कि भारत धर्म जन सेना का भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन इसकी शुरुआत के समय से ही है। ऐसा माना जाता है कि केरल में जमीनी स्तर पर इज़हावा समुदाय की अच्छी ख़ासी तादाद है और तकरीबन हर चुनाव में इस समुदाय का ख़ासा असर देखने को मिलता है। बीजेपी भी इस समुदाय पर लंबे समय से निगाहबान है। केरल में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को मज़बूत करने और इज़हावा समुदाय को अपनी तरफ खींचने के लिए इस बार एनडीए के प्रत्याशी के तौर पर तुषार वेल्लापल्ली को उम्मीदवार बनाया गया है। तुषार के स्थानीय होने और समुदाय पर अच्छी पकड़ के चलते एनडीए को यहां फायदा हो सकता है। तुषार वेल्लापल्ली वायनाड में राहुल गांधी के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं। इनसे पार पाना राहुल और कांग्रेस के लिए चुनौतीभरा होगा।
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