14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती अटैक हुआ। इस आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए। 14 फरवरी को तड़के करीब 3.30 बजे सीआरपीएफ का विशाल काफिला जिसमें 78 वाहन शामिल थे, ये श्रीनगर की ओर रवाना हुए। आमतौर पर सीआरपीएफ के काफिले में 1000 जवान होते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार खराब मौसम और प्रशासनिक कारणों से आवाजाही नहीं हो पा रही थी। इस कारण घाटी की ओर लौट रहे काफिले में सीआरपीएफ के 2547 जवान सवार थे।
इस दौरान सड़क पर मार्ग को परखने के लिए एक दल को तैनात किया गया था और काफिले में आतंक निरोधक बख्तरबंद वाहन मौजूद थे। इसके बावजूद भी आतंकी हमला करने में सफल हो गए थे। आईईडी हमले की पूर्व में खुफिया सूचना के बाद भी सीआरपीएफ से हुई इस बड़ी चूक के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में इस पर सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स ने अब एक बार फिर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर फॉलो करने का निर्णय लिया है। आइये जानते हैं क्या है सीआरपीएफ का स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर?
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत किसी काम को करने के लिए एक-एक कदम की जानकारी पहले से ही तय होती है। इसके तहत सेना या अर्धसैनिक बलों के काफिले को एसओपी नियमों का पालन करना होता है। इस दौरान सेना या अर्धसैनिक बलों के काफिले के गुज़रने वक्त किसी भी प्राइवेट वाहन को इनके ट्रैफिक रूट से गुज़रने की अनुमति नहीं होती है। ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए एरिया वाइज ट्रैफिक रोका जा सकता है।
पिछले कुछ समय से सेना या अर्धसैनिक बलों के काफिले लोगों की सहूलियत के लिए एसओपी का उपयोग नहीं कर रही थी। रक्षा बलों का मकसद आम लोगों को इस दौरान होने वाली परेशानी से बचाना था लेकिन पुलवामा के अवंतीपोरा में हुए आतंकी हमले से एक बार फिर से इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है। अब रक्षा बलों के काफिले के गुज़रने के दौरान कोई भी निजी वाहन सड़क पर नहीं आ सकेगा। दरअसल, गुरूवार को हुए आत्मघाती हमले में शामिल आतंकी आदिल अहमद डार विस्फोटकों से भरे वाहन के साथ सीआरपीएफ के काफिले में घुस गया था। उसने विस्फोटकों से भरे इस वाहन को सीआरपीएफ जवानों से भरी बस से टकरा दिया था। इससे हुए जबरदस्त विस्फोट में सीआरपीएफ के बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए।
पुलवामा हमले के बाद अब सीआरपीएफ आने वाले दिनों में अपने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में बड़ा बदलाव करने जा रही है। वह अपने इस बदलाव के तहत जम्मू-कश्मीर में सेक्टर वाइज ट्रैफिक कंट्रोल कर अपने काफिले को जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर आने वाले दिनों में रवाना करेगी। इस दौरान कोई भी निजी वाहन इस ट्रैफिक रूट और काफिले के गुजरने के समय में यहां से नहीं गुजरेगा। काफिले के दौरान गलियों से निकलने वाली गाड़ियों को भी रोका जाएगा। सीआरपीएफ अब किसी तरीके की कॉनवॉय मूवमेंट के दौरान कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। हालिया हमले के तरीके को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां भी अपने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में बदलाव कर रही हैं।
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एसओपी में बदलाव के साथ ही सीआरपीएफ ने आने वाले दिनों में खतरों को देखते हुए अब काफिले में बुलेट प्रूफ गाड़ियों की संख्या भारी संख्या में बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही पूरे इलाके को सैनेटाईज करने के लिए आईईडी डिटेक्शन कैपेबिलिटी बढ़ाने पर भी सीआपीएफ की ओर से विचार किया जा रहा है।
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