हलचल

मिनिमम इनकम स्कीम क्या है जिसे लागू करना बीजेपी, कांग्रेस दोनों के लिए महाभारत है !

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर न्यूनतम आय योजना (मिनिमम इनकम स्कीम) देने का वादा किया है। भारत के पिछले कुछ सालों में सामने आए रोजगार के आंकड़ों के बावजूद हाल के सालों में हर किसी को एक बेसिक इनकम मिले इस बुनियादी विचार को काफी हवा मिली है।

राहुल गांधी इस तरह के ऐलान करने वाले कोई पहले नेता नहीं है। इससे पहले भी, अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस स्कीम का बखान किया है। 2019 के बजट में, भाजपा सरकार ने कहा कि वह “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि” (PM-KISAN) योजना लेकर आएगी जिसके तहत सरकार सीधे दो हेक्टेयर तक भूमि रखने वाले किसानों को 6,000 रुपये उनके खाते में ट्रांसफर करेगी।

कर्ज में डूबे किसान और आत्महत्याओं के बढ़ते आंकड़ों ने यह सवाल फिर हमारे सामने ला खड़ा कर दिया कि क्या भारत के लोगों को हर महीने एक न्यूनतम आय की गारंटी की आवश्यकता है?

मिनिमम इनकम vs बेसिक इनकम

कांग्रेस की मिनिमम इनकम स्कीम एनडीए की यूनिवर्सल बेसिक इनकम (यूबीआई) से अलग है। यूबीआई योजना वह है जिसमें देश या राज्य में सभी को एक निश्चित इनकम का आश्वासन दिया जाता है चाहे वे फुल टाइम या पार्ट टाइम काम करते हों। यूबीआई बिना किसी शर्त के दी जाने वाली गारंटी है।

दूसरी ओर, कांग्रेस की मिनिमम इनकम स्कीम, केवल कुछ कम आय वाले परिवारों के लिए है। कांग्रेस इस स्कीम में एक आय सीमा निर्धारित करेगी फिर केवल उस सीमा से नीचे कमाने वाले परिवारों को ही इसका लाभ मिलेगा। मूल रूप से देखा जाए तो दोनों ही योजनाएं नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए हैं। हालांकि, मिनिमम इनकम स्कीम उन परिवारों के लिए है जो जीवन की सबसे बुनियादी या न्यूनतम आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

भारत में मिनिमम इनकम स्कीम कैसे काम करेगी?

इस तरह की किसी स्कीम के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि क्वालिफ़ायर का पता लगाना, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा। देश की इतनी तरह-तरह की आबादी में लोगों के सामाजिक और आर्थिक स्तर में काफी भिन्नताएं हैं।

हमारी सरकारों को यह पता लगाना होगा कि क्या वे इस बात को ध्यान में रखेंगे कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों, मुसलमानों, किसानों और मजदूरों को विशेषाधिकार हासिल वर्गों की तुलना में आय और रोजगार के कितने अवसर पहुंच रहे हैं।

जब तक कम आय वाले क्षेत्रों को रोजगार और शिक्षा की अधिक पहुंच के साथ और सशक्त नहीं बनाया जाता है, तब तक पीढ़ी दर पीढ़ी फैली गरीबी कितनी भी बुनियादी इनकम स्कीम के बाद भी महज एक चुनावी मुद्दे तक सीमित रह जाती है।

जमीनी हकीकत

बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में गरीबों का प्रतिशत ज्यादातर गिरा है जिसकी ज्यादा वजह कल्याणकारी योजनाएं नहीं बल्कि योजना आयोग की गरीबी रेखा को लेकर बदली परिभाषा है। इसके अलावा हर किसी के जीवन स्तर के कुछ अन्य फैक्टर भी होते हैं जैसे पोषण, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, महिलाओं की सुरक्षा, स्वच्छता और बहुत कुछ। लेकिन ना तो कांग्रेस और ना ही भाजपा ने यह बताया कि उनकी योजनाओं में किस फैक्टर को शामिल किया गया है।

इसके अलावा, विभिन्न भारतीय राज्यों में समृद्धि के कई स्तर हैं। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को विश्व बैंक द्वारा “लो इनकम” वाले राज्य बताया गया है।

इसलिए सत्तारूढ़ दल को यह तय करना होगा कि क्या इन सात राज्यों की योजना के तहत विशेष रूप से प्राथमिकताएं तय की जाएंगी या अन्य सभी राज्यों के जैसा ही व्यवहार किया जाएगा।

चुनौतियां क्या हैं?

इस तरह की स्कीम में पार्टियों को यह भी बताना होगा कि वो कैश ट्रांसफर कैसे करेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम और बैंकों का अभाव है, भारत में पिछले चार सालों में 25,000 बैंक और 45,000 एटीएम हैं।

2017 तक के आंकड़ें देखें तो देश की 19% आबादी के पास बैंकिंग सुविधाएं नहीं थी। लोगों को शिक्षा और भाषा के विकल्पों की कमी से और असुविधा होती है जब वो बैंक खाता खुलवाने जाते हैं। वहीं खोलने के लिए आवश्यक सरकारी दस्तावेजों को हासिल करने में महीनों लग जाते हैं। कनाडा में प्रत्येक 545 नागरिकों के लिए एक एटीएम है। लेकिन भारत में हर 5,500 नागरिकों के लिए एक मशीन है।

sweta pachori

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

1 year ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

1 year ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

1 year ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

1 year ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

1 year ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

1 year ago