इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक को लंदन के बकिंघम पैलेस में आयोजित एक समारोह के दौरान अधिकारिक तौर पर क्रिकेट में उनके शानदार योगदान के लिए नाइटहुड की उपाधि मिली है। बाएं हाथ के बल्लेबाज कुक को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने इस सम्मान से नवाजा।
पिछले 12 सालों से इंग्लैंड के किसी क्रिकेटर को बकिंघम पैलेस में नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया जाता रहा है। इससे पहले 2007 में पूर्व ऑलराउंडर इयान बोथम को नाइटहुड की उपाधि मिली थी।
साल 2006 के दौरान 21 साल की उम्र में भारत के खिलाफ टेस्ट में क्रिकेट डेब्यू करने वाले कुक ने पिछले साल सितंबर में क्रिकेट को अलविदा कहा। इतने सालों में कुक ने अपने नाम कई अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज किए। इंग्लैंड की तरफ से सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले भी कुक पहले खिलाड़ी है। कुक ने 161 टेस्ट मैच खेले जिनमें 33 शतक, 57 अर्द्धशतक लगाए।
हर बार की तरह हमारी दिलचस्पी कुक को मिली इस उपाधि के बारे में जानने की रही, इस कोशिश में हमनें क्या जाना वो आगे हम बता रहे हैं।
अपने क्षेत्र में महान काम करने वाले लोगों को भारत की तरह की इंग्लैंड में वहां की महारानी द्वारा तरह-तहर के खिताबों से सम्मानित किया जाता है। जिनमें MBE, OBE, CBE और नाइटहुड जैसे सम्मान हैं। लेकिन हम में से अधिकांश लोग इन पुरस्कारों का वास्तविक मतलब नहीं जानते हैं जो यूके में एक साल में दो बार दिए जाते हैं। आइए हम आपको बताते हैं।
नाइटहुड उपाधि क्या है ?
नाइटहुड एक उपाधि है जो किसी को ब्रिटिश राजा या रानी द्वारा उसकी उपलब्धियों या उसके देश के लिए उसकी सेवा के लिए दी जाती है। जिसे नाइटहुड से नवाजा जाता है वह अपने नाम के आगे ‘सर’ लगा सकता है। यह आमतौर पर एक राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाने वाला पुरस्कार है। किसी व्यक्ति को निजी तौर पर मिलने वाले पुरस्कारों में यह सबसे बड़ा पुरस्कार होता है।
वो व्यक्ति जिसे ब्रिटिश साम्राज्य का नाइट कमांडर बनाया जाता है, वह अपने नाम के सर टाइटल लगाता है। इसके अलावा वो महिला जिसे ब्रिटिश साम्राज्य का डेम कमांडर बनाया जाता है, वह डेम टाइटल का इस्तेमाल कर सकती है।
नाइटहुड किसे दिया जाता है ?
किसी को नाइटहुड के लिए नामांकित किया जा सकता है जब तक कि वे उस पुरस्कार के लिए रानी के मानदंडों को पूरा नहीं करते। एक नाइटहुड या डेमहुड को सभी प्रकार की विभिन्न उपलब्धियों के लिए दिया जाता है लेकिन आमतौर पर नामांकित व्यक्ति ने राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए कुछ बड़ा योगदान दिया होगा या फिर जिसके काम को दूसरे प्रेरणा के रूप में देखते हैं।
कौन देता है नाइटहुड ?
कैबिनेट ऑफिस में ऑनर्स और अपॉइंटमेंट्स सैकेट्री सभी आए हुए नॉमिनेशन को देखते हैं। ऑनर्स कमेटी सभी प्रकार की उपलब्धियों का आंकलन करती है। कमेटी ही रानी के हाथों दिए जाने वाले पुरस्कारों के सभी स्तरों के लिए नामांकन की आगे की प्रक्रिया पूरी करती है और साथ में वे निष्कर्ष निकालेंगे कि कौन (यदि कोई है) पुरस्कार का हकदार है।
नाइटहुड मिलने के बाद
द क्वीन से इस तरह का पुरस्कार प्राप्त करना किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे कीमती पल होता है। नाइटहुड मिलने के बाद उस व्यक्ति के काम, विचारों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है। यह अक्सर नाइटहुड या डेमहुड हासिल करने वाले के लिए अत्यधिक सकारात्मक परिणाम है कि उनके सामने दरवाजे खुल जाते हैं कि आगे भी अपनी उपलब्धियों को सभी को बता सकें।
सम्मान हासिल करने वाले व्यक्तियों के काम किन्हीं दूसरों के लिए और भी अधिक सफलता बनाने में सहायक हो सकता है।
क्या कभी किसी ने सम्मान से इनकार किया है?
महारानी के हाथों सम्मान को अस्वीकार करने वाले प्रसिद्ध लोगों में डेविड बॉवी शामिल हैं, जिन्होंने 2000 में रानी के जन्मदिन के सम्मान में दिया जाने वाला ओबीई सम्मान ठुकरा दिया था। इसके बाद जॉन लेनन ने भी अपना सम्मान वापस कर दिया था जिन्होंने 1969 में नाइजीरियाई गृहयुद्ध में ब्रिटेन की भागीदारी के विरोध में अपना MBE अवार्ड वापस भेज दिया था।
रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्तान हार्दिक पांड्या…
अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…
कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…
Leave a Comment