हलचल

क्या है जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल, जिसे लोकसभा से मंजूरी मिल गई है?

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय जम्मू कश्मीर दौरे के बाद शुक्रवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पर लंबी चर्चा हुई। इसके बाद यह आरक्षण संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में संशोधन के लिए शुक्रवार को लोकसभा में विधेयक पेश किया था। गृहमंत्री ने लोकसभा में चर्चा के दौरान विधेयक के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों की समस्याओं का जिक्र किया और कहा कि उन्हें राज्य की आरक्षण व्यवस्था का लाभ दिया जाना चाहिए।

क्या खास है इस बिल में?

जे एंड के आरक्षण संशोधन विधेयक के तहत जम्मू कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 3 प्रतिशत आरक्षण को विस्तार दिया गया है। बता दें, जम्मू कश्मीर आरक्षण अधिनियम सीधी भर्ती, प्रमोशन और विभिन्न श्रेणियों में कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आरक्षण देता है, लेकिन पहले इसका विस्तार अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों के लोगों के लिए नहीं था, लेकिन इस बिल के राज्यसभा में पास हो जाने यह प्रभावी हो जाएगा। कानून बन जाने के बाद ये लोग भी आरक्षण के दायरे में शामिल हो जाएंगे।

गौरतलब है कि भारत के जम्मू कश्मीर राज्य स्थित इन इलाकों को अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास होने के कारण अक्सर पाकिस्तानी सेना की गोला-बारी और फायरिंग का सामना करना पड़ता है, जिससे यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। केन्द्र सरकार ने इन लोगों की सुरक्षा के लिए सीमावर्ती इलाकों में हजारों की संख्या में बंकरों का निर्माण भी कराया है, लेकिन आए दिन पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं के कारण यहां जान और माल का काफी नुकसान होता रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, ‘सीमा पर लगातार तनाव के कारण अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्र के लोगों को सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन का सामना करना पड़ता है।

सीमा से लगे इलाकों को लोगों को यह होगा फायदा

गृह मंत्री शाह ने कहा कि सीमा से सटे इलाकों के निवासियों को बार-बार तनाव के कारण सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ता है। इससे खासकर उनके बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है क्योंकि सीमा के पास के शिक्षण संस्थान लंबे समय तक बंद रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस वजह से यह जरूरी था कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में रह रहे लोगों के लिए वास्तविक सीमा नियंत्रण रेखा पर रह रहे लोगों की तर्ज पर आरक्षण का विस्तार किया जाए।

Read More: एक किलो कैविअर अंडों की कीमत सुनकर आपका सिर चकरा जाएगा!

बता दें कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में जम्मू कश्मीर सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें राष्ट्रपति की ओर से जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अध्यादेश, 2019 को जारी करने को कहा गया था। लोकसभा में इस विषय पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरक्षण देने का समर्थन किया। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बिल राज्य विधानसभा में लाया जाना चाहिए था।

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

9 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

9 months ago