14 फरवरी के पुलवामा हमले और फिर 26 फरवरी को हुई भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, पाकिस्तान सेना ने आज दावा किया कि उन्होंने दो भारतीय पायलटों को गिरफ्तार किया है, जिस पर विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि भारतीय वायुसेना का ‘एक मिग 21 और उसके पायलट लापता है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक “हम दुर्भाग्य से एक मिग 21 खो चुके हैं। पायलट कार्रवाई में लापता है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि वह उनकी हिरासत में है। हम इसके आगे के सभी तथ्यों का पता लगा रहे हैं।” वहीं पायलट को अगर बंदी बनाया गया है तो इसके तकनीकी मायने भी हमें समझने होंगे। जानकारों के अनुसार पायलट को युद्ध बंदी (POW) माना जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय जेनेवा संधि में युद्ध के दौरान या ऐसी स्थिति होने पर बंदियों को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत अगर पकड़ा गया सैनिक पूरी तरह से सैन्य पोशाक में है, इसलिए उसे युद्ध के कैदी के रूप में माना जाएगा।
जेनेवा कन्वेंशन भारत और पाकिस्तान में लागू होता है। स्थिति सामान्य होने पर, पायलटों या कैदियों का आदान-प्रदान किया जाएगा या उन्हें भेजा जाएगा। वहीं भारत के पास यह भी अधिकार है कि वह दूसरे पक्ष से यह सुनिश्चित करें कि पकड़े गए लोगों के साथ उचित व्यवहार किया जा रहा है।
हालांकि, पायलटों की गिरफ्तारी युद्धबंदियों (POW) का उल्लंघन है, जिसे जिनेवा कन्वेंशन द्वारा फंसाया गया था।
क्या है जेनेवा कन्वेंशन ?
जेनेवा कन्वेंशन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाए गए कुछ ऐसे नियम हैं जिसमें युद्ध के समय घायल या कब्जा किए गए सैन्य कर्मियों का मानवीय उपचार किया जाता है। यह प्रोटोकॉल पहली बार 1929 में लागू किया गया था, 1949 की बैठक में इसे संशोधित कर फिर 1977 में एक अतिरिक्त प्रोटोकॉल जोड़ा गया था। अतिरिक्त प्रोटोकॉल में यह कहा गया था कि किसी पकड़े गए सैनिक को सुरक्षा प्रदान भी की जाएगी।
वहीं इसके मानदंडों के अनुसार, युद्धबंदियों पर फिलहाल किसी तरह का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। कानून यह भी कहता है कि “उनकी हिरासत सजा का एक रूप नहीं है, लेकिन केवल संघर्ष में आगे की भागीदारी को रोकने का तरीका है। उन्हें शत्रुता समाप्त होने के बाद बिना किसी देरी के रिहा किया जाना चाहिए।
ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन के ठिकाने का पता नहीं है। हालांकि पाकिस्तान सेना ने 46 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया था, जिसमें एक व्यक्ति को दिखाते हुए दावा किया गया था वह भारतीय वायुसेना का विंग कमांडर अभिनंदन है।
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