हलचल

क्यों आरक्षण व्यवस्था का हत्यारा है 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम ?

पिछले कुछ दिनों में भारत बंद होना एक आम सी बात हो गई है, हर दूसरे महीने बाद भारत बंद का आह्वान किया जाता है। भारत बंद इतना सामान्य हो गया है कि किस मुद्दे पर बंद बुलाया गया है और कौनसे संगठन के लोग सड़कों पर उतरे हैं ये बातें कहीं दबी ही रह जाती है।

बीते कल 5 मार्च को एक बार फिर देश के कई आदिवासी और दलित अधिकार संगठनों ने भारत बंद बुलाया। बंद का असर बिहार, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान जैसे राज्‍यों में थोड़ा बहुत दिखा। बंद में शामिल संगठनों की मांग आदिवासियों और दलितों के अधिकारों की रक्षा करना तो विभिन्न छात्र और शिक्षक संगठनों की काफी लंबे समय से चल रही मांग 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम को खारिज कर 200 पॉइंट रोस्टर बहाल करना रही।

कई महीनों से हमें क्यों हर दिन सोशल मीडिया और तमाम दूसरे प्लेटफॉर्म पर ’13 पॉइंट रोस्टर’ शब्द सुनाई दे रहा है ? क्यों SC-ST-OBC तबके के लोग सड़कों पर बार-बार उतर रहे हैं, ऐसे कुछ सवाल हर किसी के जहन में होंगे। चलिए आज हम आपको आसान भाषा में समझाने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम क्या है?

13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम क्या है ?

हमारे संविधान ने अनुसूचित जाति, जनजाति और वंचित तबकों के लिए सरकारी नौकरियों, कॉलेजों में आरक्षण की व्यवस्था की गई है, ठीक वैसे ही 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम यानि विभागवार आरक्षण जो कि यूनिवर्सिटी में प्रोफेसरों की भर्ती करने में आरक्षण लागू करने का एक तरीका है। इस सिस्टम में आरक्षण देने के लिए यूनिवर्सिटी को एक यूनिट ना मानकर किसी एक डिपार्टमेंट को यूनिट माना जाता है। डिपार्टमेंट में निकली वेकेंसी को फिर आरक्षण के जरिए भरा जाता है।

किसी भी यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट को शुरू करने के लिए उसमें कम से कम 2 असिस्टेंट प्रोफेसर, 1 असोसिएट प्रोफेसर और 1 प्रोफेसर होना जरूरी है। इसका मतलब करीब 4 य़ा 5 वेकेंसी हर एक डिपार्टमेंट में निकलेगी।

अब देखिए 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के मुताबिक कैसे डिपार्टमेंट में निकली वेकेंसी भरी जाती है-

13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के मुताबिक किसी भी डिपार्टमेंट में चौथा, आठवां और बारहवां कैंडिडेट OBC का आएगा जिसका मतलब हुआ किसी भी OBC कैंडिडेट की नौकरी लगने के लिए कम से कम 4 वैकेंसी निकलनी चाहिए।

7वां कैंडिडेट SC कैटेगरी से आएगा जिसका मतलब एक एससी कैटेगरी कैंडिडेट की नौकरी लगने के लिए डिपार्टमेंट में कम से कम 7 वैकेंसी तो निकलनी चाहिए।

14वां कैंडिडेट ST कैटेगरी का होगा जिसका मतलब एसटी कैंडिडेट को नौकरी मिलने के लिए 14 वेकेंसी निकलने तक का इंतजार करना होगा।

इसके अलावा जो पद हैं 1,2,3,5,69,10,11,13 ये सभी अनारक्षित हैं।

अब आप देखिए हमारे देश में ऐसी कौनसी यूनिवर्सिटी हैं जहां एक साथ किसी डिपार्टमेंट में 14 या उससे ज्यादा वेकेंसी निकाली जाती है, इसका मतलब साफ है कि ओबीसी-एससी इस सिस्टम के मुताबिक कॉलेज में सरकारी नौकरी तक पहुंच ही नहीं पाएंगे। विभागवार आरक्षण के माध्यम से एससी-एसटी-ओबीसी का प्रतिनिधत्व बिलकुल खत्म हो जाएगा।

बवाल की शुरूआत कैसे हुई ?

यूनिवर्सिटी में खाली पदों को भरने के लिए 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू किया जाता था जिसमें यूनिवर्सिटी को एक यूनिट माना जाता था। साल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि यूनिवर्सिटी में टीचरों की भर्तियां डिपार्टमेंट/सब्जेक्ट के हिसाब होगी, जिसके साथ ही 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू हो गया।

भारत सरकार ने यूजीसी और मानव संसाधन मंत्रालय के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी, 2019 को इस य़ाचिका को भी खारिज कर दिया, जिसके बाद सारे रास्ते बंद हो गए और यह सिस्टम अमल में लाया जाने लगा।

SC-ST-OBC  तबकों का क्या कहना है ?

विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक सुनियोजित प्रक्रिया के तहत मामले को रखा और आंकड़े छुपाए। वहीं कोर्ट में सरकार पर सही दलीलें नहीं रखने के भी आरोप लगे हैं। इसके अलावा 13 पॉइंट रोस्टर लागू होने के बाद सरकार ने धड़ाधड़ यूनिवर्सिटी में वेकेंसी निकालना शुरू हो गई।

वहीं कुछ समय पहले इंडियन एक्सप्रेस की आई एक रिपोर्ट बताती है कि देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आरक्षण व्यवस्था है लेकिन इन यूनिवर्सिटी में 95.2% प्रोफेसर, 92.9% असोसिएट प्रोफेसर, 66.27% असिस्टेंट प्रोफेसर जनरल कैटेगरी से हैं। अब आप देखिए जिन्हें संविधान में आरक्षण दिया गया है उनका कॉलेजों में कितना प्रतिनिधित्व है?

सरकार ने क्या कहा ?

देश में 13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने के बाद विरोधी लहर हर दिन तेज हो रही है। ऐसे में सरकार काफी दबाव में दिखाई दे रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने हाल में कहा कि सरकार 200 पॉइंट रोस्‍टर पर अध्‍यादेश लाने पर विचार कर रही है।

sweta pachori

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago