What does the MPs get after the retirement from the Parliament?
देश की 17वीं लोकसभा के लिए होने जा रहे चुनावों में अब कुछ ही दिन और रह गए हैं। विशेष परिस्थितियों को छोड़ दें तो लोकसभा के लिए हर पांच साल में चुनाव होते हैं। वहीं, संसद के अपर सदन कहे जाने वाली राज्यसभा में प्रत्येक दो साल बाद एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत हो जाते हैं। राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 6 साल और लोकसभा सांसदों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। ये बात आप भी जानते हैं कि संसद के किसी भी सदन का सदस्य होने पर भारत सरकार की ओर से मासिक वेतन और कई सुविधाएं इन सांसदों को दी जाती है। देश में चुनावी माहौल के बीच हम आपको बताएंगे कि संसद से रिटायर होने के बाद सांसदों को क्या-क्या सुविधाएं और कितनी पेंशन मिलती हैं…
भारतीय संसद के किसी भी संदन से रिटायर हुए सांसद को मासिक पेंशन दी जाती है। 2010 में हुए संसोधन के मुताबिक़, संसद से किसी भी सदन से रिटायर होने के बाद इसके सदस्यों को 20 हजार रुपए प्रति महीने पेंशन मिलती है। इसके साथ ही उनके कार्यकाल के एक साल के आधार पर 1500 रुपए अधिक मिलते हैं। रिटायर सांसदों को मिलने वाली इस पेंशन में खास बात ये है कि पेंशन संसद के हिस्सा रहे हर सदस्य को मिलती है। चाहे संसद के उस सदस्य ने अपना कार्यकाल पूरा किया हो नहीं किया हो। इतना ही नहीं फैमिली पेंशन भी मिलती है। अगर किसी भी पूर्व सांसद का निधन हो जाता है तो उसकी पत्नी या पति को पेंशन का आधार हिस्सा यानी कि 10 रुपए मासिक दिए जाते हैं।
पूर्व सांसद को संसद से रिटायर होने के बाद यात्रा भत्ता मिलता है। पूर्व सांसद को भारतीय रेल के एसी-1 कोच में निशुल्क यात्रा करने का प्रावधान हैं। इसके साथ ही अगर वो सांसद किसी अन्य सामान्य व्यक्ति के साथ हैं तो वो एक शख्स के साथ एससी-2 में बिना शुल्क के यात्रा कर सकते हैं। इस योजना में लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार के सांसदों को स्टीमर में निशुल्क यात्रा सुविधा का प्रावधान होता है।
इन सुविधाओं के अलावा पूर्व सांसद को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं, आवास और टेलीफोन सुविधाएं भी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। सांसदों को मिलने वाली स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उनके रिटायर होने के बाद भी बरकरार रहती है। पूर्व सांसदों को केन्द्र सरकार की उसी हेल्थ स्कीम का लाभ मिलता है, जो उन्हें सांसद रहते वक्त मिलता था।
पूर्व सांसदों को सरकार की ओर से सरकारी आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कोई भी सांसद रिटायर होने के एक महीने बाद तक सरकारी की ओर से अलॉट किए गए सरकारी आवास में रह सकता है। इसके बाद उनका अलॉटमेंट खत्म हो जाता है और उसके बाद सांसदों से मार्केट रेट के आधार पर किराया वसूला जाता है।
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संसद से रिटायर होने के बाद सांसद को सरकारी की ओर से दिया गया एमटीएनएल कनेक्शन उनके रिटायर खत्म होने के अगले दिन ही खत्म कर दिया जाता है। हालांकि कुछ कागजी कार्रवाई करने के बाद सांसद इस टेलीफोन कनेक्शन को आगे भी जारी रख सकते हैं।
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