देश में 17वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव का अब अंतिम चरण और बाकी रह गया है। 19 मई को सातवां और आखिरी चरण का मतदान होगा, इसके बाद 23 मई को इस चुनाव का परिणाम घोषित होगा। इस लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की बयानबाजी और निजी हमले अब तक जारी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और प्रधानमंत्री पर नरेन्द्र मोदी पर कई बार निजी हमले किए हैं। इसके जवाब में बीजेपी ने भी कांग्रेस पर कई बार हमला किया है। बीजेपी ने इस बार वो किया जिसका डर कांग्रेस को हमेशा से बना हुआ था। कांग्रेस का डर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हैं। आइये हम आपको बताते हैं क्या था राजीव गांधी का वो भाषणा जिसका डर कांग्रेस को हमेशा सताता रहा है..
कांग्रेस के हमलों के बाद बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से राजीव गांधी का वह भाषण शेयर किया गया है जिसमें वो कहते हैं, जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती में भूकंप आता है।’ राजीव का यह बयान हमेशा सिख दंगा मामले से जोड़ा जाता है। इन दंगों में देश में करीब 3 हजार सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया था। सिख दंगा 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़का था। इस घटना में कांग्रेस के कुछ नेताओं पर आरोप है कि वह दिल्ली में उस भीड़ की अगुवाई कर रहे थे जो सिखों की निशाना बना रही थी। इनमें से एमपी के वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ, सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और एचकेएल भगत शामिल हैं। इन सभी का जिक्र बीजेपी की ओर से जारी वीडियो में भी किया गया है।
19 नवम्बर, 1984 का दिन.. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनका पहला जन्मदिन था। दिल्ली में सिख विरोधी दंगों को शुरू हुए पंद्रह दिन भी नहीं बीते थे और राजीव गांधी ने तमाम रस्मों-रिवाज के साथ इंदिरा गांधी का जन्मदिन मनाने की घोषणा कर दी। यह वो दौर था जब इंडिया गेट के पास बोट क्लब सियासत का प्रमुख केन्द्र हुआ करता था और इसको आज के रामलीला मैदान या जंतर-मंतर के बराबर माना जाता था। इंदिरा गांधी का जन्मदिन इस रूप में भी खास था कि प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी पहली बार किसी रैली को संबोधित करने जा रहे थे। कांग्रेस ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी की थी। फिर वह दिन आ गया जब राजीव गांधी को यहां उपस्थित होना था। बोट क्लब में दिल्ली के अलावा पड़ोसी राज्यों से जुटी कार्यकर्ताओं की बड़ी भीड़ का पूरा ध्यान राजीव गांधी की तरफ था।
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सिखों के खिलाफ दिए इस बयान के बाद सिख समुदाय में राजीव गांधी के प्रति नाराज़गी काफी बढ़ गई थी। ऐसा माना गया कि राजीव की दंगाइयों के प्रति हमदर्दी थी और उन्होंने सिखों पर हुए हमलों को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जिस रूप में लिया जाना चाहिए था। कांग्रेस के विरोधी आज भी अक्सर राजीव गांधी के इस बयान को कोट करते हैं और कांग्रेस के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का यह बयान कांग्रेस के गले की हड्डी बन चुका है। इससे पीछा छुड़ाना कांग्रेस के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है।
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