हिंदी फिल्मों के अभिनेता विनोद मेहरा अपने समय में बॉलीवुड का एक जाना-पहचाना चेहरा रहे थे। एक्टिंग के अलावा उन्होंने बतौर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर फिल्में बनाईं। उनका जन्म 13 फ़रवरी, 1945 को पंजाब के अमृतसर में एक व्यापारी के परिवार में हुआ था। विनोद उन कलाकारों में शामिल थे, जिन्होंने बहुत कम समय में बॉलीवुड में अपनी एक ख़ास जगह बना ली थी। उन्होंने सबसे पहले वर्ष 1958 में रिलीज हुई फिल्म ‘रागिनी’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। इसके बाद साल 1971 में फिल्म ‘एक थी रीता’ में विनोद लीड एक्टर के रूप में नज़र आए। इस फिल्म में उनके अपोजिट एक्ट्रेस तनुजा ने लीड रोल प्ले किया था। मेहरा का स्टाइल सबसे अलग माना जाता था और इसी वजह से वो एक्ट्रेस के बीच लोकप्रिय थे। ऐसे में विनोद मेहरा की बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जानते हैं उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें..
एक्टर विनोद मेहरा ने अपने पूरे जीवन में तीन शादियां की थीं। उनकी पहली पत्नी मीना ब्रोका थी, जिनसे शादी के बाद मेहरा को हार्ट अटैक आया था। इसके बाद ये शादी खत्म हो गई। जब विनोद ठीक हुए तो उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से शादी कर ली थी। हालांकि, बिंदिया और विनोद कुछ वक्त साथ रहे और बाद में बिंदिया ने भी डायरेक्टर जेपी दत्ता से शादी कर ली।
बिंदिया गोस्वामी के छोड़ के जाने और जेपी दत्ता से शादी करने बाद विनोद मेहरा एकदम से बिल्कुल अकेले पड़ गए थे, जिसके बाद उनका दिल अभिनेत्री रेखा के साथ जुड़ा और दोनों की नजदीकियां बढ़ती गई। इस दौरान उनकी गुपचुप शादी की भी खबरें काफी वायरल हुई थीं। हालांकि, रेखा ने अपनी शादी की बात से हमेशा से ही इंकार किया था। मगर जर्नलिस्ट यासीर उस्मान की किताब ‘रेखाः द अनटोल्ड स्टोरी’ में एक घटना का जिक्र मिलता है, जो इस ख़बर को हवा देती है।
उस्मान की उक्त किताब में एक किस्सा बताया गया है कि जब रेखा और विनोद मेहरा कलकत्ता में शादी करने के बाद मुंबई पहुंचे थे, तो विनोद की मां उनकी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थी और वो गुस्से से लाल-पीली हो गईं। किताब में ये भी लिखा गया है कि रेखा जब अपनी सास के पैर छूने के लिए झुकी तो वो पीछे हट गईं। इतना ही नहीं उन्होंने रेखा को मारने के लिए अपनी चप्पल तक निकाल ली थी।
विनोद मेहरा के फिल्मी कॅरियर की बात करें तो उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा मौसमी चटर्जी के साथ पसंद की गयीं। विनोद को ‘अमर-प्रेम, ‘अनुरोध, ‘अनुराग’, घर’, ‘स्वर्ग नरक’, कुंवारा बाप’, ‘अमर दीप’, ‘नागिन’ जैसी सुपरहिट फिल्मों से दर्शकों का खूब प्यार मिला था। उनकी आखिरी फिल्म ‘गुरुदेव’ थी, जो उनकी मौत के तीन साल बाद आई थी। 30 अक्टूबर, 1990 को सिर्फ़ 45 साल की उम्र में विनोद मेहरा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
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