भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट आज अपना 28वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। उनका जन्म 25 अगस्त, 1994 को हरियाणा के बलाली में हुआ था। विनेश प्रसिद्ध महिला रेसलर फोगाट बहनों के परिवार से आती हैं। उनके पिता राजपाल की एक जमीन विवाद में मौत हो गई थी। इसके बाद विनेश के ताऊजी और नामी पहलवान महावीर सिंह फोगाट ने अपनी बेटियों की तरह ही उनका भी लालन-पालन किया। विनेश फोगाट को कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर होने का गौरव हासिल हैं। ऐसे में इस मौके पर जानते हैं उनके जीवन के बारे में अनुसनी बातें…
जनवरी 2019 में विनेश फोगाट को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित खेल अवॉर्ड ‘लॉरियस वर्ल्ड स्पॉर्ट्स अवॉर्ड’ के लिए नॉमिनेटेड किया गया था। वह इस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं। सबसे बड़ी बात ये थी कि विनेश को ‘वर्ल्ड कमबैक ऑफ़ द ईयर’ कैटेगिरी में शामिल किया गया। जहां उनके साथ मंच पर दुनिया के महान गोल्फर टाइगर वुड्स भी शामिल थे। वर्ष 2018 के एशियाई खेलों में देश को गोल्ड मेडल जिताने वाली रेसलर विनेश फोगाट के लिए मुकाम पाना आसान नहीं था।
भले ही विनेश पहलवानों के जाने-माने फोगाट परिवार से ताल्लुक रखती हों, मगर बहुत जल्द ही उनके सिर से उनके पिता का साया उठ गया था। महावीर फोगाट की भतीजी विनेश के पिता राजपाल सिंह फोगाट की जमीनी विवाद को लेकर के हत्या कर दी गई थी और तब उनकी उम्र महज 9 साल थी। महावीर फोगाट ने गीता और बबीता के साथ साथ विनेश को भी तमाम सामाजिक विरोध के बावजूद पहलवान बनने की ट्रेनिंग दी और अपने घर में ही रखा। इससे पहले विनेश ने दूर-दूर तक पहलवान बनने का नहीं सोचा था। हां, वो खेल से जुड़े परिवार से नाता रखती थी तो ऐसे में विनेश टेनिस में अपना कॅरियर बनाना चाहती थीं।
विनेश फोगाट को प्रतिष्ठित अवॉर्ड की ‘वर्ल्ड कमबैक ऑफ़ द ईयर’ कैटेगरी में शामिल करने और साल 2016 के रियो ओलंपिक से उनकी सफलता की कहानी जुड़ी हुई है। दरअसल, हुआ कुछ यूं था कि रियो ओलंपिक के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में विनेश चाइनीज रेसलर सुन यनान के साथ मुकाबला खेल रही थी कि तभी उनकी टांग पकड़ने के चक्कर में विनेश के घुटने में गंंभीर चोट लगी जो कई हफ्तों तक ठीक ना हो सकीं।
तब माना जा रहा था कि अब वो रेसलिंग की रिंग में कभी वापसी नहीं कर पाएंगी, मगर अपनी चोट से लड़ते हुए वर्ष 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में उन्होनें शानदार वापसी कर देश को गोल्ड मेडल जिताया। उसी साल एशियाई खेलों में भी विनेश का शानदार प्रदर्शन जारी रहा और भारत की झोली में फिर गोल्ड मेडल जीतकर रख दिया।
हाल में हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 में विनेश का प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं रहा। वह क्वार्टरफाइनल मुकाबले में हारकर बाहर हो गई थी। जबकि वह अपने भार वर्ग में दुनिया की नंबर वन रेसलर हैं। इसके बाद उनके काफी कुछ सहना पड़ रहा है।
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