भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ऑलराउंडर वेदा कृष्णमूर्ति आज अपना 31वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका जन्म 16 अक्टूबर, 1992 को कर्नाटक राज्य के चिकमंगलूर जिले के एक छोटे से गांव कदुर में हुआ था। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई और दो बड़ी बहनें हैं। वेदा के पिता एसजी कृष्णमूर्ति केबल ऑपरेटर हैं। आईसीसी महिला विश्वकप-2017 में भारत को फ़ाइनल तक पहुंचाने में वेदा का अहम योगदान रहा। उन्होंने विश्व कप के दौरान आखिरी लीग मैच में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ 45 बॉल में 70 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर टीम को जीत तक पहुंचाया था। इस ख़ास अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ अनसुनी बातें…
माउंट कार्मेल कॉलेज से पूरी की स्नातक की पढ़ाई
वेदा कृष्णमूर्ति ने करीब 3 साल की उम्र में ही घर में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। बचपन में वेदा की क्रिकेट में रुचि को देखते हुए उनके पिता बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए बैंगलोर आकर बस गए। यहां आकर वेदा ने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। वेदा ने अपनी स्कूली शिक्षा बैंगलोर के कैंब्रिज स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने माउंट कार्मेल कॉलेज से आर्ट्स में स्नातक किया। वेदा को क्रिकेट के अलावा कराटे सीखने का काफ़ी शौक था। इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने स्कूल के दिनों में कराटे भी सीख लिया था। 12 साल की उम्र में वेदा कराटे में डबल ब्लैक बेल्ट बन गईं। कराटे ने उन्हें कम उम्र में ही मजबूत और गेम चेंजर बना दिया। वेदा स्कूल टाइम में क्लासेस बंक करके क्रिकेट खेलने जाया करती थी।
कम उम्र में कर्नाटक की सीनियर टीम में हुआ चयन
क्रिकेट के प्रति जुनून की वजह से वेदा कृष्णमूर्ति ने बहुत ही कम समय में खेल की बारीकियों को सीख लिया था। स्टेट टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन की बदौलत मात्र 14 साल की उम्र में उनका चयन कर्नाटक की सीनियर टीम में हो गया। 17 साल की उम्र होने तक वे कनार्टक की उप-कप्तान और बाद में कप्तान बन गयी। घरेलू क्रिकेट में कर्नाटक के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाली वेदा कृष्णमूर्ति का जल्द ही भारतीय सीनियर टीम में चयन हो गया। वेदा ने भारत के लिए 18 साल की उम्र में 30 जून, 2011 को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया। उन्होंने जून 2011 में ही ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपने टी-20 इंटरनेशनल करियर की भी शुरुआत की।
BCCI द्वारा बी-ग्रेड प्राप्त करने वाली पहली क्रिकेटर
वर्ष 2015 में वेदा कृष्णमूर्ति को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड यानि बीसीसीआई द्वारा बी-ग्रेड कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट में शामिल किया गया था। तब वे पहली ऐसी भारतीय महिला क्रिकेटर बनी थी जिसे बीसीसीआई से ये कॉन्ट्रैक्ट मिला था। वेदा को ऑस्ट्रेलियाई महिला बिग बैश टी-20 लीग के 2017-18 के सीजन के लिए चयनित किया गया था। होबार्ट हरिकेन टीम ने उन्हें इस लीग के लिए खरीदा था। इसी के साथ वो तीसरी ऐसी भारतीय महिला क्रिकेटर बनी, जिसे इस लीग में खेलने का मौका मिला।
वेदा कृष्णमूर्ति पहली ऐसी भारतीय महिला क्रिकेटर हैं, जिसने सबसे कम उम्र में महिला इंटरनेशनल क्रिकेट में 1000 रन पूरे किए हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ हुए मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी। यह भारतीय महिला क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट में इंडियन रेलवे का भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
वेदा का ऐसा रहा अब तक का क्रिकेट करियर
दाएं हाथ की बल्लेबाज व लेग ब्रेक गेंदबाज वेदा कृष्णमूर्ति ने भारत के लिए अब तक 48 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 41 पारी खेलते हुए 8 हाफ सेंचुरी की मदद से 829 रन बनाए हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर 71 रन है। वनडे में उनके नाम तीन विकेट भी हैं। 14 रन पर दो विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग प्रदर्शन है। वहीं, टी-20 की बात करें तो वेदा ने अब तक 76 मैच की 63 पारियों में दो अर्धशतक की मदद से 875 रन बनाए हैं। उनका इस फॉर्मेट में उच्च स्कोर 57 रन है। खराब फॉर्म की वजह से वेदा कृष्णमूर्ति काफी समय से टीम इंडिया से बाहर है।
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