भारतीय रेलवे द्वारा संचालित ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ बहुत ही कम समय में सबसे लोकप्रिय और चर्चित रेल बन गई है। इसे इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई द्वारा बनाया गया है। इस सेमी-हाई स्पीड स्वचालित रेल को न केवल परिवहन के मामले में, बल्कि अपनी अगली छलांग लगाने के लिए परिवहन एवं राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के तौर पर देखा जा रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों के लिए बढ़ाए गए आतिथ्य सत्कार के नए मानक स्थापित किए जा रहे हैं।’
यह रेल आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। वंदे भारत एक्सप्रेस रेल मार्ग द्वारा नई दिल्ली और वाराणसी को जोड़ती है और यह बहुत ही कम समय में यात्रियों की पसंदीदा रेल बन गई है। इस रेल में एक हवाई जहाज के समान कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवायी गई है। रेल में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा गर्म और ठंडे पेय पदार्थों से लेकर आंतरिक वातावरण तक को साफ-सुथरा रखकर बेहतरीन सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
यह रेल यात्रियों के अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ ही समय की पाबंद है। इस रेल ने अप्रैल महीनें में लगभग सभी दिनों में अपनी सेवा के दौरान सही समय पर आने-जाने का रिकॉर्ड बनाया है। यही नहीं इस रेल ने एक लाख किलोमीटर की यात्रा के लक्ष्य को पूरा करते हुए अपनी तकनीकी उत्कृष्टता को साबित किया है।
वंदे भारत एक्सप्रेस का निर्माण भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के तहत किया गया था, जिसे दिल्ली-वाराणसी के मध्य फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ही हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।
इस रेल में 16-कोच हैं, जो पूरी तरह वातानुकूलित है। इसमें नॉन-एग्जीक्यूटिव, एग्जीक्यूटिव और चेयर कार युक्त डिब्बे लगे हुए हैं। इसमें यूरोपीय शैली की आरामदायक सीटें, स्वचालित तापमान नियंत्रण प्रणाली, विमान की तरह विसरित प्रकाश, एग्जीक्यूटिव चेयर कार युक्त डिब्बों में घूमने वाली सीटें, विकलांग-अनुकूल शौचालय, व्हीलचेयर पार्किंग स्थान, मॉड्यूलर बायो-वैक्यूम शौचालय, मिनी पैंट्री जैसी कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
आईसीएफ चेन्नई ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस के दूसरे प्रारूप का निर्माण भी पूरा कर लिया गया और पहले प्रारूप में जो खामियां यात्रियों की सुविधा में उत्पन्न हुई उनको भी ठीक कर दिया है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस रेलगाड़ी के दूसरे प्रारूप को दिल्ली—वाराणसी रेल मार्ग पर चलाने की संभावना है, क्योंकि वंदे भारत एक्सप्रेस हफ्ते में पांच दिन इस रेल मार्ग पर चलती है।
यद्यपि यह उम्मीद की जाती है कि नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस के दूसरे प्रारूप के रूट की घोषणा की जा सकती है।
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