विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) और आईसीडब्ल्यूए क्वालिफिकेशंस को स्नातकोत्तर के समान मानने का निर्देश दिया है। इसके बाद अब सीए, सीएस और आईसीडब्ल्यूए क्वालिफिकेशंस स्नातकोत्तर के बराबर मानी जाएगी। यह फैसला यूजीसी द्वारा भारतीय लागत लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) और भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) की अपील पर लिया गया है। आपको बता दें कि आयोग के इस निर्णय से सीए के तीन लाख और सीएस के ढाई लाख छात्रों को यूजीसी नेट में शामिल होने के साथ ही पीएचडी करने का मौका भी मिलेगा।
आईसीएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एमकाॅम और एमबीए के मुकाबले सीए और सीएस के छात्रों का सिलेबस ज्यादा विस्तृत होता है। उन्हें यह उपाधि पाने के लिए कठिन परीक्षाएं देनी होती हैं। इसलिए आईसीएसआई के साथ मिलकर हम पिछले दो सालों से यूजीसी से यह अपील कर रहे हैं। वहीं, आईसीएआई संस्थान के सीसीएम धीरज खंडेलवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘यूजीसी ने सीए, सीएस और ICWA क्वालिफिकेशंस को स्नातकोत्तर डिग्री की मान्यता दे दी है। यह हमारे पेशे के लिए बड़ी उपलब्धि।’
आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश में 109 यूनिवर्सिटी सीए, सीएस और आईसीडब्ल्यूए के स्टूडेंट्स को स्नातकोत्तर मानकर पीएचडी डिग्री करा रहे हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन की ओर से कोई भी निर्देश न मिलने की वजह से कुछ विश्वविद्यालय पीएचडी कराने से मना कर रहे थे। इसलिए इन संस्थानों द्वारा पिछले दो सालों से यूजीसी से यह मांग की जा रही थी, जिस पर अब निर्देश दे दिए गए हैं।
अब 9 मई की बजाय 13 जून को आयोजित होगी क्लैट परीक्षा, CNLU को इसलिए बदलनी पड़ी तिथि
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