शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार शाम को मुंबई के शिवाजी पार्क में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह से पहले शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम यानि सीएमपी की घोषणा की। हाल में इन तीनों दलों ने अपने गठबंधन का नाम महाराष्ट्र विकास अघाड़ी रखा। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में किसान, स्वास्थ्य, शिक्षा, बेरोजगारी और सेक्युलररिज्म (धर्मनिरपेक्षता) को जगह दी है। सीएमपी के पहले ही लाइन में सेक्युलर शब्द का जिक्र है। इसमें सेक्युलररिज्म को कायम रखने जैसी बातें शामिल हैं।
शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सीएमपी के पहले पैरा में सेक्युलररिज्म शब्द का इस्तेमाल दो बार किया गया है। साझा न्यूनतम कार्यक्रम में सरकार के कामकाज की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी गई है। इसके तहत महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन ने किसान, रोज़गार, महिला सुरक्षा, शिक्षा, सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य, उद्योग, ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर प्राथमिकता के साथ काम करने का फैसला किया है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की नई गठबंधन सरकार ‘देश सबसे पहले’ के नारे पर आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही यह ध्यान रखा जाएगा कि समाज का कोई भी वर्ग भय के वातावरण में न रहे। नई सरकार के प्रोग्राम के मुताबिक, गरीबों को बगैर ब्याज लिए शिक्षा ऋण दिया जाएगा। उद्धव सरकार के सीएमपी में समाज के सभी समुदायों के कल्याण के लिए काम करने का जिक्र किया गया है।
उद्धव ठाकरे की गठबंधन सरकार किसानों के लिए नई फसल बीमा योजना शुरु करेगी। इसके तहत महाराष्ट्र के किसानों को तुरंत राहत देने का काम किया जाएगा। सूखा पीड़ित किसानों का कर्ज़ जल्द से जल्द माफ़ करने की योजना है। सरकार के सीएमपी में सरकारी विभागों के सभी पद भरने का भी वादा किया गया है। प्रदेश के लोगों को एक रुपए में इलाज मुहैया कराने का वादा नई सरकार के एजेंडे में शामिल है। इसमें सेक्युलर शब्द पर भी काफ़ी जोर दिया गया है, जिसको लेकर खूब चर्चा की गईं।
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कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना हेड उद्धव ठाकरे के निर्देशन में तीनों दलों ने यह साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार किया। शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने कार्यक्रम का ऐलान करते हुए कहा, ‘गठबंधन सरकार सभी धर्मों को साथ लेकर चलेगी और महाराष्ट्र के विकास पर जोर रहेगा।’ उन्होंने कहा कि संविधान के मूल तत्वों को केन्द्र में रखा गया है। यह सरकार सभी भाषा-प्रातों को साथ लेकर आगे बढ़ेगी। हम किसी भी तरह का भेदभाव जनता के साथ नहीं होने देंगे। शिंदे ने दावा जताया कि 170 विधायक गठबंधन सरकार के साथ हैं।
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