केंद्र सरकार ने उन लोगों को बड़ी राहत दी है जिन्हें किसी कारण से विदेश यात्रा करनी है, लेकिन टीके की बूस्टर खुराक न लगने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। काम, पढ़ाई या कारोबारी कारणों से विदेश यात्रा करने वाले लोग संबंधित देश के नियमों के अनुसार कोरोना वायरस टीके की दूसरी खुराक लेने के तीन महीने बाद ही बूस्टर या एहतियाती खुराक लगवा सकते हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दी। इससे एक दिन पहले ही केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए निर्धारित नौ महीने की प्रतीक्षा अवधि में राहत दी थी।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में केंद्र ने कहा है कि एहतियाती खुराक के अपडेशन को चालू करने के लिए कोविन पोर्टल पर जरूरी प्रावधान किए गए हैं। इसलिए नागरिकों को वीजा जैसे दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि मंत्रालय को एहतियाती खुराक जल्दी लगाने के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए थे। ये अनुरोध उन लोगों ने की थी जिन्हें शिक्षा, रोजगार, खेल प्रतियोगिताओं, देश के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के तौर पर द्विपक्षीय या बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेने के लिए और कारोबारी कारणों से विदेश यात्रा करनी है।
विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर संबंधित प्राधिकरण ने ऐसे लोगों के लिए संबंधित देश की आवश्यकता के अनुसार एहतियाती खुराक जल्दी लगाने को अनुमति दी है। अब दूसरी और एहतियाती खुराक के बीच के अंतर को कम करने 90 दिन कर दिया गया है जो पहले नौ महीने था। मंत्रालय ने लोगों ने मास्क लगाने जैसे नियमों का पालन करने की भी अपील की है।
वर्तमान में देश में स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे के कर्मचारियों और 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को और जिन लोगों को टीके की दूसरी खुराक लगे नौ महीने हो चुके हैं, वह किसी भी सरकारी या निजी टीकाकरण केंद्रों पर एहतयाती खुराक लगवाने के पात्र हैं। 18 वर्ष से अधिक लेकिन 60 से कम आयु के लोग निजी केंद्रों पर भुगतान करके खुराक लगवा सकते हैं।
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