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लोकतंत्र के नाम पर दिखावा करता है यह देश, मतपत्र पर केवल एक ही उम्मीदवार का नाम 

उत्तर कोरिया में लोकतंत्र की बातें सुनकर आप चौंक जाएंगे, यह सच जरूर है पर एक तरह का दिखावा भी है। यहां पर हर पांच वर्ष में लोकतंत्र का पर्व मनता है जिसके तहत ‘सुप्रीम पीपुल्स असेंबली’ के चुनाव कराए जाते हैं, जिसके नतीजे पहले से ही तय होते हैं। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की ‘डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया’ पर मजबूत पकड़ से सभी वाकिफ हैं।

उत्तर कोरिया में रविवार को 14वें सुप्रीम पीपुल्स असेंबली (यह उत्तर कोरिया में सत्ता का सर्वोच्च अंग है) के रबर-स्टाम्प (मतदाता का निर्णय मान्य नहीं) विधायिका के लिए नए चुनाव कराए गए। इस प्रकार के चुनाव हर पांच साल में आयोजित किए जाते हैं।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ये निर्वाचित सदस्य मार्च 2014 में हुए संसदीय चुनावों में चुने गए सदस्यों का स्थान लेंगे।

इस राष्ट्रीय विधायिका के आगामी सत्र के लिए लगभग 700 सदस्यों को मतदान के द्वारा चुनना है। इसमें प्रतिनिधि का निर्धारण जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। प्रत्येक प्रतिनिधि 30 हजार से 35 हजार लोगों के द्वारा चुना जाता है।

केसीएनए के अनुसार, इस विधायिका में उम्मीदवरों कार्यकर्ता, किसान, बुद्धिजीवी ओर सैनिक शामिल हैं। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए केवल एक ही उम्मीदवार रजिस्टर्ड है। यहां के नागरिक को 17 वर्ष की उम्र में मतदान करने का अधिकार है।

यह भी पढ़े — वो कौनसी तकनीक है जिससे किम जोंग अपने पिता और दादा की लाशें संभाल कर रखता है !

उत्तर कोरिया इस बार भी ‘एकनिष्ठ एकता’ के नारे के साथ चुनाव करा रहा है। मतदान के दौरान हर मतपत्र पर केवल एक ही स्वीकृत नाम होगा। मतदाता मत डालने से पहले नाम को काट सकते हैं लेकिन कोई ऐसा करता नहीं है।

शाम छह बजे तक सरकारी संवाद समिति केसीएनए के अनुसार सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सभी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर लिया है, ‘केवल उन्हें छोड़कर जो विदेश में कार्यरत हैं।’

महज एक औपचारिकता कि लोकतंत्र है और लोग अपने मत का प्रयोग करते हैं पर अफसोस कि वे अपने नेता अपने मुताबिक नहीं चुन सकते। इससे पहले वर्ष 2014 में हुए चुनावों में 99.97 प्रतिशत मतदान हुआ था और शत-प्रतिशत मतदान नामित उम्मीदवारों के पक्ष में हुआ था।

दुनिया का एकमात्र देश है उत्तर कोरिया जहां इस प्रकार के चुनावों का आयोजन होता है। चुनाव अधिकारी को-कयोंग हाक के मुताबिक, ‘हमारा एक ऐसा समाज है जहां लोग एकमत होकर शीर्ष नेता के सम्मान में एकत्रित होते हैं।’ इस दौरान 3.26 प्योंगयांग केबल फैक्टरी में मतदाताओं की कतार लगी दिखी। उन्होंने कहा कि चुनाव में हिस्सा लेना नागरिकों का कर्तव्य है और ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो उम्मीदवार को नकारे।’

किम जोंग उन
उत्तर कोरिया का तानाशाह नेता है जो वर्ष 2011 से उत्तर कोरिया की सत्ता पर काबिज है। किम जोंग उन अपनी दमनकारी और तानाशाही नीतियों के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं।

Rakesh Singh

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