these things work as a panacea in removing constipation Problem.
आज के बदलते दौर में लोगों की खराब जीवनशैली और अनहेल्दी फूड के कारण कब्ज जैसी समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। कब्ज की समस्या होने पर पेट अक्सर फूला हुआ रहता है और लोगों के लिए शौच करना मुश्किल हो जाता है। इसके कारण ही कई लोगों को पेट में तेज दर्द और मल के साथ खून आने जैसी दिक्कतें भी हो सकती है। यदि आप को भी तीन हफ्तों से ज्यादा समय से कब्ज की समस्या है तो इस बारे में संबंधित विषय के जानकार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें और सलाह लें। इसके अलावा हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिनका सेवन करने से कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।
कब्ज की समस्या में ब्रोकली का सेवन काफी फायदेमंद होता है। इसमें ‘सल्फोराफेन’ नामक एक यौगिक मौजूद होता है, जो आंतों को स्वस्थ बनाए रखने के साथ पाचन को आसान करने का काम करता है। इसके अलावा यह आंत में कई ऐसे सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने में सहायक है, जो पाचन को जटिल बना देते हैं। ब्रोकली पर शोध-कर्ताओं के रिसर्च में यह बात सामने आई कि इसके सेवन करने वाले लोगों में कब्ज के लक्षण काफी कम पाए गए।
भारत में ज्यादातर घरों में दही का सेवन होता है। दही में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो आंतों को स्वास्थ रखने के साथ मल को नरम करने में सहायत होते हैं। हेल्थ स्पेशलिटस का कहना है कि जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है, उन्हें दही का सेवन ज्यादा करना चाहिए। एक अध्ययन के मुताबिक, दो सप्ताह तक रोजाना सुबह 180 मिलीलीटर दही का सेवन करने वाले लोगों में पुरानी से पुरानी कब्ज ठीक हो सकती है। इसके साथ ही दही से आंतों को स्वस्थ रखने में भी मदद मिल सकती है।
वर्ष 2015 के एक स्टडी में सामने आया कि जैतून और अलसी के तेल हेमोडायलिसिस से गुजर रहे लोगों में कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं। जैतून और अलसी के तेल में लैक्सेटिव गुण मौजूद होते हैं, जो आंत के कार्यों को आसान बनाने के साथ कब्ज से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं। ख़ासकर इन तेलों में ऐसे यौगिक होते हैं, जो पाचन में सुधार के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं। इसके अलावा जैतून और अलसी के तेल में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लामेटरी जैसे गुण भी मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो फाइबर एक ऐसा पोषक तत्व है, जो पाचन को सही करने के साथ कब्ज को कम करने का काम करता है। दाल, मटर, बीन्स, दाल और छोले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। चार साल पुरानी एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया था कि 100 ग्राम की मात्रा में पकी हुई दाल से दैनिक फाइबर की जरूरतों की 26 फीसदी पूर्ति की जा सकती है। दाल की इतनी मात्रा में ही पोटेशियम, फोलेट, जिंक और विटामिन बी-6 जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो कब्ज को कम करने के साथ हमारे शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद होते हैं।
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