एक डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति की दिनचर्या सामान्य व्यक्ति से पूरी तरह अलग होती है। पीड़ित व्यक्ति को अपने खानपान के दौरान कई तरह के परहेज करने पड़ते हैं। खाने के दौरान आपको इन चीजों से परहेज करना है और इन से नहीं, चीनी का सेवन पूरी तरह बंद करना होगा। यहां तक कि प्रोसेस्ड फूड और कार्बोहाइड्रेट भी कम उपयोग में लेना है जो ज्यादातर सब्जियों और अनाजों से मिलता है।
भारत में एक स्वस्थ ब्लड शुगर स्तर का ध्यान रखने का मतलब यह नहीं है कि पीड़ित व्यक्ति अपनी डाइट में किसी प्रकार की कटौती कर लेंगे। यहां पर खाने में अनाज का प्रमुख रोल होता है। इन अनाजों में कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद रहते हैं जो शरीर के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। डायबिटीज के मरीजों को इससे लड़ने के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे जंक फूड को अपनी डाइट से निकाल दें और उसके स्थान पर हेल्दी डाइट लें। इस डाइट में पीड़ित व्यक्ति सेहतमंद और जरूरी अनाज लें।
जब डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति के शरीर में शुगर लेवल बिगड़ जाता है तो उन्हें अपने आहार में साबुत अनाज या उच्च फाइबर वाले अनाज अधिक मात्रा में लेना चाहिए। फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से मधुमेह रोगी के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि फाइबर पाचन प्रक्रिया का धीमा कर देते हैं। जब पोषक तत्वों का धीरे अवशोषण होगा तो रक्त शर्करा का लेवल स्थिर रखने में मदद मिलती है।
इसके लिए यह भी आवश्यक है कि पीड़ित व्यक्ति पोषण संबंधी जानकारी रखें ताकि उन्हें अपनी जीवन शैली के प्रबंधन में दिक्कतें न आएं। तो आइए जानते हैं डायबिटीज के रोगियों के लिए कौनसे अनाज बेहद फायदेमंद रहते हैं।
इसे साबुत रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं और आटे के रूप में भी। बाजरे की खिचड़ी सर्दियों में खूब खाई जाती है। डायबिटीज के रोगी भी इसे खा सकते है। इसे खाने से उन्हे कोई दिक्कत नहीं होगी। बाजरा में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो इंसुलिन स्राव और रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने वाले एंजाइम के उत्पादन में मदद करता है। कई शोधों से साबित हुआ है कि बाजरा टाइप-2 डायबिटीज़ के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाए जाते हैं, जो टॉक्सिन्स को तो कम करती है, साथ ही भोजन को धीरे पचाने में सहायक है। जिससे भूख कम लगती है।
नए शोधों से साबित हुआ है कि भारत में व्रत के दौरान एक फलाहार करने वाले लोगों द्वारा उपयोग किया जाने वाला कुट्टू डायबिटीज में काफी फायदेमंद है। यह अनाज सक्रिय रूप से अच्छे फाइटोन्यूट्रिएंट्स, फाइबर की आपूर्ति करके और बढ़ती इंसुलिन स्राव को कम करने में मददगार हो सकता है।
भारतीय भोजन में राजगीरा को पुराने समय से उपयोग किया जा रहा है। यह हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसके इस्तेमाल से शरीर में शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है। राजगीरा को सुपरफूड कहना ग़लत नहीं है क्योंकि यह ग्लूटन-फ्री है और इसमें अमीनो-एसिड, आयरन, पोटैशियम और कई प्रकार के पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
इसे अंग्रेजी में स्पेल्ट ग्रेन कहा जाता है। यह छोटा, चावल के आकार का अनाज है जिसमें गेहूं की तुलना में ग्लूटेन कम होता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
कामत में अन्य अनाज की तुलना में 20-40% अधिक अमीनो एसिड, फास्फोरस और मैग्नीशियम होते हैं, जो सभी इंसुलिन उत्पादन को स्थिर करने के लिए एक साथ काम करते हैं और एक ही समय में, शरीर से खराब विषाक्त पदार्थों को ख़त्म करते हैं।
सफेद ब्रेड और चावल की तुलना में पूरे गेहूं और साबुत अनाजों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होते हैं। इसका मतलब है कि उनका ब्लड शुगर पर कम असर होता है।
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