अफ्रीकी महाद्वीप के 8 देशों ने अपनी करेंसी को एक साथ बदला है। इन देशों में अब तक फाइनेंशियल कम्युनिटी ऑफ अफ्रीका (सीएफए) की फ्रैंक करेंसी में लेनदेन किया जाता था। अब इन देशों ने इसकी जगह ‘इको’ नामक करेंसी को मान्यता दी है। बता दें कि इन देशों में फ्रैंक करेंसी पिछले 74 सालों से चल आ रही थी।
ये 8 देश पश्चिमी अफ्रीका के हैं जिनमें बेनिन, बुर्किना फासो, गिनी-बसाउ, आइवरी कोस्ट, माली, नाइजर, सेनेगल और टोगो हैं। इनमें से गिनी—बिसाउ को छोड़कर बाकी सभी देश फ्रांस के उपनिवेश रहे थे।
अफ्रीका महाद्वीप में कई यूरोपीय देशों का शासन था। जिनमें से फ्रांस के अधीन कई देश थे। इन उपनिवेशों से अपना अधिकार त्यागने के दौरान इन देशों में सीएफए (Financial Community of Africa) बनाया गया जिसकी करेंसी फ्रैंक थी। यह करेंसी अफ्रीका के कुल 14 देशों में लागू थी। सीएफए करेंसी की वजह से किसी भी संकट की स्थिति में इन आठ देशों के लिए फ्रांस आर्थिक गारंटर के तौर पर काम करता था। बाद में करीब दो दशक पहले जब से यूरो मुद्रा लागू की गई इन्हें भी इससे जोड़ दिया गया।
नई करेंसी ‘इको’ लागू करने वाले इन 8 देशों ने फ्रांस उपनिवेश से पूरी तरह मुक्ति पा ली है। इसमें अब 6 देश बचे हैं। इन देशों में करेंसी बदलने की घोषणा के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों भी आइवरी कोस्ट की यात्रा पर हैं। आइवरी कोस्ट के राष्ट्रपति एलास्साने ओउत्तारा ने इसी दौरान करेंसी बदलने समेत तीन बदलावों की घोषणा की है।
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