भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के नए मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया जा सकता है। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक आईएमएफ के एमडी पद की दौड़ में राजन का नाम सबसे आगे चल रहा है। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की ओर से अंतरराष्ट्रीय पटल पर यह मांग की जा रही है कि वह इस पद पर अब की बार किसी भारतीय के नाम का समर्थन करे। उनकी इस मांग के बाद से ही रघुराम राजन की संभावना काफी मजबूत हो गई है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि निवर्तमान एमडी क्रिस्टीन लेगार्ड ने पिछले हफ्ते ही इस्तीफा दे दिया।
आईएमएफ के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद की दौड़ में अन्य दावेदारों में राजन के अलावा बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी, डेविड कैमरून सरकार में चांसलर रह चुके जॉर्ज ओसबोर्न और नीदरलैंड के पूर्व वित्त मंत्री जेरोइन डिजस्सेलब्लोएम का नाम भी चल रहा है।
आईएमएफ की निवर्तमान एमडी क्रिस्टीन लेगार्ड ने पिछले हफ्ते इस्तीफा देने की घोषणा की और उनका इस्तीफा 12 सितंबर से प्रभावी हो जाएगा। खबरों के मुताबिक, क्रिस्टीन लेगार्ड यूरोपीय सेंट्रल बैंक की प्रेसिडेंट बनने जा रही हैं। आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को बैंक ऑफ इंग्लैंड का गवर्नर बनाए जाने की पेशकश की गई लेकिन राजन ने इससे इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने इस पद के लिए आवेदन ही नहीं किया है और एक वजह वहां की राजनीति से अन्जान होना भी है।
इस बार एक और मांग जोर पकड़ रही है कि इस बार आईएमएफ का प्रबंधन निदेशक यूरोप और अमेरिका महाद्वीप के अलावा अन्य देश के व्यक्ति को बनाया जाए। यह नहीं ब्रिटेन के विदेशी मामलों की समिति के चेयरमैन टिम टुगेनढत ने तो साफ तौर पर विदेश मंत्री जेरेमी हंट को एक पत्र लिखकर यह मांग की है और वहां के अखबार संडे टाइम्स के मुताबिक 53 वर्षीय राजन सबसे मजबूत दावेदारों में से एक हैं।
बता दें कि रघुराम राजन भारत के केंद्रीय बैंक आरबीआई के पूर्व गवर्नर रह चुके हैं, वह पूर्व अर्थशास्त्री रह चुके हैं। राजन फिलहाल शिकागो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं।
रघुराम राजन का परिचय
रघुराम का जन्म 3 फरवरी, 1963 को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था। उनका पूरा नाम रघुराम गोविंद राजन हैं। वर्ष 1985 में उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक डिग्री हासिल की। राजन ने आईआईएम अहमदाबाद से वर्ष 1987 में एमबीए किया और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वर्ष 1991 में उन्होंने अर्थशास्त्र विषय में पीएचडी की।
4 सितम्बर, 2013 को डी. सुब्बाराव के पद से रिटायर होने के बाद राजन को आरबीआई के 23वें गवर्नर नियुक्त किया गया। वह सितंबर, 2016 तक इस पद पर रहे।
गवर्नर बनने से पहले राजन यूपीए सरकार के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रमुख आर्थिक सलाहकार और शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में एरिक जे. ग्लीचर फाईनेंस के एमिनेंट सर्विस प्रोफेसर रह चुके हैं। वर्ष 2003 से 2006 तक वह आईएमएफ के प्रमुख अर्थशास्त्री व रिसर्च डायरेक्टर रह चुके हैं। भारत में वित्तीय सुधार के लिए योजना आयोग द्वारा नियुक्त समिति का नेतृत्व भी उन्होंने किया।
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