‘हर मुल्क का है फ़ादर हिन्दोस्ताँ हमारा’ जयंती पर पढ़िए शायर शौक़ बहराइची के मशहूर शेर ‘बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा…