‘मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन..’ पढ़िए निदा फ़ाज़ली की बेहतरीन नज्में “कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता…” ये नज्म…