हलचल

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- अब हाईकोर्ट की मंजूरी के बिना वापस नहीं होगा सांसद-विधायकों के खिलाफ केस, 8 दलों पर जुर्माना

देश की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों केअपराधीकरण से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। इसके तहत अब सभी राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवारों के ऐलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी जारी करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला संबंधित हाईकोर्ट की मंजूरी के बगैर वापस नहीं लिया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय ने अपने इस फैसले में भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी, माकपा समेत 8 प्रमुख राजनीतिक दलों पर जुर्माना भी लगाया है।

राजनीति में अपराधीकरण को कम करना उद्देश्य

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का उद्देश्य राजनीति में अपराधीकरण को कम करना है। जस्टिस आरएफ नरीमन और बीआर गवई की पीठ ने इस संबंध में अपने 13 फरवरी, 2020 के फैसले में निर्देश को संशोधित किया है। आपको बता दें कि यह पीठ बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने में विफलता का आरोप लगाते हुए दायर अवमानना याचिकाओं पर अपना फैसला सुना रही थी।

पार्टियों पर एक से पांच लाख तक का ठोका जुर्माना

सर्वोच्च अदालत ने अवमानना करने वाले राजनीतिक दल माकपा पर पांच लाख रुपये, एनसीपी पर पांच लाख रुपये, भाजपा पर एक लाख रुपये, जदयू पर एक लाख रुपये, राजद पर एक लाख रुपये, लोजपा पर एक लाख रुपये, कांग्रेस पर एक लाख रुपये और भाकपा पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इन आठ दलों को जुर्माने की राशि 8 सप्ताह में चुनाव आयोग में जमा कराने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी पर अदालत ने जुर्माना नहीं लगाया है। गौरतलब है कि इन दलों के प्रत्याशियों ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती आदेश के बाद भी अपने आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा जनता के सामने नहीं रखा था।

मालूम हो 13 फरवरी 2020 के फैसले के पैरा 4.4 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आदेश दिया था कि उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटों के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले उनका विवरण प्रकाशित करना होगा। लेकिन आज के फैसले में सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवारों के ऐलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी देनी होगी।

निर्वाचन आयोग ने सख्त कदम उठाने की मांग की

अदालत में सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करने वाली पार्टियों के चुनाव चिन्ह को फ्रीज या निलंबित रखा जाए। चुनाव आयोग ने यह सुझाव उच्चतम न्यायालय के पुराने आदेश के उल्लंघन के मामले में दिया है।

Read Also: भाजपा मोदी कैबिनेट के नए मंत्रियों के लिए आशीर्वाद यात्रा निकालेगी, तैयारियां शुरू

Raj Kumar

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago