सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा, सबरीमाला और राहुल गांधी ‘चौकीदार चोर है’ जैसे तीन अहम मामले में अपना फैसले सुनाए। राफेल सौदा मामले की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले में नरेन्द्र मोदी सरकार की जीत हुई है। कोर्ट ने गुरुवार को राफेल सौदा मामले में रिव्यू पीटिशन पर फैसला सुनाते हुए पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके अलावा राफेल डील के सीबीआई जांच से भी सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। राफेल डील विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2018 को सुनाए अपने फैसले को बरकरार रखा है।
उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राफेल विमान सौदे का मामला कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने चुनावी मुद्दा बना दिया था। अदालत के फैसले के बाद भी इस सौदे पर सवाल उठाते हुए कई पुनर्विचार याचिकाएं डाली गईं। जबकि साल 2018 में कोर्ट राफेल की कीमत और कॉन्ट्रेक्ट पर केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे चुकी थी। राफेल सौदे पर पुनर्विचार याचिका मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य की याचिकाओं पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पिछले साल 14 दिसम्बर को राफेल मामले में सरकार को क्लीन चिट दी थी, जिस पर याचिकाकर्ताओं द्वारा पुनर्विचार की मांग की गयी थी।
चर्चित सबरीमाला केस में पुनर्विचार याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने केस अब 7 जजों की बेंच के पास भेजने का फैसला किया। संविधान पीठ ने यह फैसला 3:2 के बहुमत से किया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतिम फैसले तक उसका पिछला आदेश बरकरार रहेगा। बता दें, कोर्ट ने 28 सितम्बर, 2018 को 4:1 के बहुमत से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी। अदालत के इस फैसले पर 56 पुनर्विचार समेत 65 याचिकाएं दायर की गई थीं। इन पर 6 फरवरी को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पुनर्विचार याचिकाएं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच में दायर की गई थीं। चीफ जस्टिस गोगोई, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस एएम खानविलकर ने केस बड़ी बेंच को भेजने का फैसला दिया। जबकि जस्टिस फली नरीमन और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसके विरूद्ध फैसला दिया।
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इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ‘चौकीदार चोर है’ मामले में दायर याचिका पर भी अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि पीएम मोदी पर उनका यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण था। यह कोर्ट का कंटेम्प्ट नहीं था, लेकिन भविष्य में राहुल को इसका ध्यान रखना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी की माफ़ी को भी स्वीकार कर लिया।
बता दें, राहुल गांधी के खिलाफ यह याचिका भाजपा नेत्री मीनाक्षी लेखी की ओर से दायर की गई थी, जिसमें आरोप था कि राहुल गांधी ने ऐसा कहा है कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चौकीदार चोर है।’ इस मामले में कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमलावार होते हुए राहुल गांधी से माफ़ी मांगने की मांग की है। केंद्रीय गृह मंत्री व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कांग्रेस और उनके नेताओं को फटकार मिलने के बाद अब उन्हें राष्ट्र से माफ़ी मांगनी चाहिए। शाह ने कहा, कांग्रेस के लिए हमेशा राजनीति राष्ट्रीय हित से ऊपर रही है।
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