कैंसर कई प्रकार से मानव शरीर को खतरा पहुंचाता है। कैंसर को लेकर समय-समय पर शोधकर्ताओं द्वारा अनेक रिसर्च किये जाते हैं ताकि मानव को इस बीमारी से बचाया जा सके। हाल में एक शोध से इस बात की पुष्टि हुई है कि विटामिन ए का सेवन करने वालों में स्किन (त्वचा) कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। इस विटामिन की मात्रा सामान्य से अधिक लेने वालों में स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर के खतरे को 15 प्रतिशत तक करने में मदद करती है। स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर का एक प्रकार है।
स्किन कैंसर पर शोध अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी में हुआ। इस शोध से प्राप्त निष्कर्ष को यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर यूनुंग चो ने बताते हुए कहा कि ‘शोध के नतीजे इस दावे को और भी पुख्ता करते हैं कि फलों और सब्जियों के साथ हेल्दी आहार लेना आवश्यक होता है। क्योंकि फल और सब्जी से मिलने वाला विटामिन ए पूरी तरह सुरक्षित होता है।’ अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के मुताबिक, गाजर, पालक, डेयरी प्रॉडक्ट, शकरकंद, खरबूजा, लोबिया, लाल शिमला मिर्च, ब्रॉकली, मांस-मछली आदि को विटामिन ए का अच्छा स्रोत माना जाता है।
अमेरिका में हुए स्किन कैंसर के शोध में करीब 1 लाख 25 हजार अमेरिकी नागरिकों को शामिल किया गया। इससे शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि जो लोग ज्यादा मात्रा में विटमिन ए का सेवन करते हैं उनमें स्क्वैमस सेल स्किन कैंसर का खतरा लगभग 15 प्रतिशत कम हो गया।
जामा डर्मेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, जिन लोगों ने जिस विटामिन ए का सेवन किया था, उनमें से अधिकांश खाद्य पदार्थों से आते हैं।
वर्तमान जीवन शैली और तेज धूप में अधिक समय तक रहने की वजह से त्वचा कैंसर की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। त्वचा कोशिकाओं का असामान्य तरीके से बढ़ना ही स्किन कैंसर कहलाता है। ज्यादा देर तक धूप में रहने से यह समस्या किसी को भी हो सकती है।
शरीर के जिन अंगों पर सूर्य की किरणें सीधा पड़ती है उन अंगों की त्वचा पर कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे- चेहरा, हथेली, उंगलियां, नाखून की त्वचा, पैर के अंगूठे आदि।
यह धूप में अधिक समय तक रहने वाले लोगों में अधिकतर होता है। इसका खतरा श्वेत त्वचा वाले लोगों में अधिक होता है। आर्सेनिक या कुछ औद्योगिक प्रदूषकों के सम्पर्क में रहने से भी कभी कभार बेसल सेल कार्सिनोमा कैंसर हो सकता है।
इस प्रकार के कैंसर में त्वचा की ऊपरी परत अधिक प्रभावित होती है। ज्यादातर मामलों में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, त्वचा के असुरक्षित, दीर्घकालिक सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से होता है। यह कैंसर सामान्यत: उन लोगों में पाया जाता है जो ज्यादा समय तक धूप में बिताते हैं।
स्किन कैंसर के उपरोक्त दोनों प्रकारों से अधिक घातक होता है। यह त्वचा को रंग प्रदान करने वाले मेलानोसाइट्स में होता है। जब त्वचा में मेलानोमा का इलाज समय पर नहीं हो पाता है तो यह त्वचा से परे शरीर के अन्य भागों में फैलता है, जिससे हालत बहुत गंभीर हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि अमेरिका में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा स्किन कैंसर से 11 प्रतिशत लोग पीड़ित होते हैं। यह तेज धूप के संपर्क में रहने से होता है। खासकर चेहरे और सिर पर, जो धूप के सीधे संपर्क में आते हैं। इस शोध में 50 साल की औसत उम्र वाले 75 हजार से अधिक महिलाओं और लगभग 50 हजार पुरुषों का डेटा शामिल है। शोध में सभी से उनके औसत डायट और सप्लिमेंट के प्रयोग के बारे में जानकारी ली गई। इनमें से 4 हजार लोगों में स्किन कैंसर पाया गया और सभी विटमिन ए का सेवन कम करते थे।
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